Jammu Kashmir : कोरोना महामारी में भी नहीं खुला अस्पताल में लगा ठेकेदार का ताला
ऐसे में जम्मू शहर के लोअर गाडीगड़ के रोई मोड़ में बीते 3 सालों से बनकर तैयार न्यू टाइप प्राइमरी हेल्थ सेंटर में ठेकेदार ने ताला डाल रखा है
जम्मू, अवधेश चौहान । केंद्रीय शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में बढ़ते कोविड-19 से जूझ रहे मरीजों के लिए अस्पताल की कमी महसूस होने लगी है। ऐसे में जम्मू शहर के लोअर गाडीगड़ के रोई मोड़ में बीते 3 सालों से बनकर तैयार न्यू टाइप प्राइमरी हेल्थ सेंटर में ठेकेदार ने ताला डाल रखा है।ठेकेदार शाम सिंह का तर्क है कि जब तक उसे लोक निर्माण विभाग उसे करीब 70 लाख रुपये की राशि नही देगा तब तक वह ताला नही खोलेगा। ठेकेदार के सामाने विभाग भी लाचार दिख रहा है।4 करोड़ की लागत से बने इस अस्पताल का नींव पत्थर वर्ष 2010 में कांग्रेस में रहे पूर्व मंत्री रमन भल्ला ने रखा था।2011 में अस्पताल के निर्माण का कार्य शुरू हुआ और 2017 में इमारत बन कर तैयार हो गई। 20 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में 2 वार्ड हैं। प्रत्येक वार्ड में 10 बेड का इंतजाम है।चौबीस घंटे इमरजेंसी सेवा से सुसज्जित इस अस्पताल में ठेकेदार का ताला जड़ा हुआ है।8 कैनाल रकबे में फैले इस अस्पताल के चारो तरफ कांग्रेस घास का साम्राज्य है। इमारत के बाहर प्लस्तर उखड़ने लगा है। कोविड- 19 के इस काल में भव्य इमारत का वारिस शाम सिंह ठेकेदार और उसका चौकीदार है। वहीं ठेकेदार शाम सिंह का कहना कि जब लोक निर्माण विभाग उसे 70 लाख रुपये का भुगतान कर देगा तो वह अस्पताल का ताला खुल जाएगा।
इस बाबत जब लोक निर्माण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से परवेज मलिक का कहना है कि अस्पताल में ठेकेदार का है तो उसकी जानकारी नही है। उनका तर्क था कि अच्छी बात है कि इमारत की रखवाली ठेकेदार कर रहा है। मगर ठेकेदार शाम सिंह का कहना है कि मलिक को इस बात की जानकारी है। फिर भी मलिक ने मामले की जांच कर इसे हेल्थ विभाग को सौपने का आश्वासन दिया है।
वहीं अस्पताल के साथ लगती प्राइमरी हेल्थ सेंटर की 70 के दशक में बनी बिल्डंग खून के आंसू रो रही है। जर्रजर हालत में यह 50 साल पुराना हेल्थ सेंटर में पड़ी दवाईयां दीवारों से टपकते पानी में बर्बाद हो रही है। हल्की बारिश में प्राइमरी सेंटर में पानी भर जाता है।अस्पताल की छत टपकती है। ऐसे हालात में मरीजों का इलाज करना मुश्किल हो जाता है। अस्पताल में मौजूद महिला डाक्टर का कहना है कि यहां रोजाना 20 के करीब मरीज इलाज के लिए आते हैं। स्थानीय निवासी संचित रैना का कहना है मरीजों के लिए और न ही डाक्टर और पैरा मैडिकल स्टाफ के लिए कोई वॉशरूम बना है। मरीजों को खुले में ही नित्यक्रिया करनी पड़ती है। पिंताबर शर्मा का कहना है कि अस्पताल में लोअर गाडीगड़,कोठे, कर्णबाग, इंदिरा नगर की करीब 5 हजार की आबादी वाले इस अस्पताल में मरीज तो आते हैं, मगर उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जम्मू राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है।
इस संबध में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के आयुक्त सचिव अटल डुल्लू का कहना है कि उन्हें इस अस्पताल के बारे में कोई जानकारी नही हैं। अगर ऐसा है तो वह अस्पताल को शुरू करवाने के सभी प्रयास करेंगे।वहीं एसडीएम साउथ श्रीकांत बाला साहिब सुसे का कहना है कि उन्होंने अटल डुल्लू को पत्र लिख कर अस्पताल की महत्ता के बारे में लिखा है।