हमले कर अमरनाथ यात्रा में विघ्न डालने की साजिश नाकाम, सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को पकड़ा
बुधवार शाम को एक विशेष सूचना पर सेना पुलिस और सीआरपीएफ के एक संयुक्त कार्यदल ने सोपोर-बांडीपोर मार्ग पर कई जगह नाके लगाए। रात करीब पौने नौ बजे नाका पार्टी ने दो युवकों को संदिग्ध अवस्था में देखा जाे सोपोर की तरफ जा रहे थे।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : दक्षिण कश्मीर में बुधवार की दोपहर को श्री अमरनाथ की तीर्थयात्रा पर हमले की फिराक में बैठे दो आतंकियों को मार गिराने के लगभग तीन घंटे बाद सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर के बांडीपोर में भी हमले की एक अन्य साजिश को नाकाम बनाते हुए दो आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों आतंकी कंगन की तरफ जा रहे थे और इन्हें वहां हमला कर तीर्थयात्रा में अफरा-तफरी फैलानी थी। लेकिन सुरक्षा बल आतंकियों के किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए तैयार बैठे हैं।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आज शाम करीब साढ़े छह बजे एक विशेष सूचना पर सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के एक संयुक्त कार्यदल ने सोपोर-बांडीपोर मार्ग पर कई जगह नाके लगाए। रात करीब पौने नौ बजे नाका पार्टी ने दो युवकों को संदिग्ध अवस्था में देखा जाे सोपोर की तरफ जा रहे थे। नाका पार्टी ने दोनों युवकों को रुकने का संकेत किया, लेकिन वह रुके नहीं और जवानों से बचने के लिए तेजी से भागे। नाके पर तैनात जवानों ने उनका पीछा किया और उन्हे पकड़ लिया। दोनों की तलाशी ली गई तो उनके पास से दो पिस्तौल, दो मैगजीन और 14 कारतूस मिले।
पकड़े गए दोनों आतंकियों की पहचान अदनान आशिक वार और जुबैर अहमद सोफी के रूप में हुई है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनके हैंडलर ने उन्हें कंगन पहुंचने और वहां किसी वारदात को अंजाम देते हुए तीर्थयात्रा में अफरा-तफरी फैलाने के लिए कहा था। बाल्टाल के रास्ते पवित्र गुफा जाने वाले श्रद्धालु कंगन से होकर ही बाल्टाल पहुंचते हैं। इससे पूर्व पुलिस ने बड़गाम जिले के वाथूर चाडूरा में लश्कर ए तेयबा के एक ओवरग्राउंड वर्कर शौकत अहमद गनई उर्फ आरके को गिरफ्तार कर लिया। वह लश्कर ए तैयबा के नारको टेरेरिज्म माड्यूल का भी सक्रिय सदस्य है। इस माड्यूल के तीन सदस्य पहले ही पकड़े जा चुके हैं।
उससे पूर्व बुधवार दोपहर बाद कुलगाम जिले में अमरनाथ यात्रा मार्ग के पास ही आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए। मुठभेड़ स्थल से एक एके फायफल, एक पिस्टल, गोला-बारूद और अन्य आपत्तिजनक साजो-सामान बरामद हुए। मारे गए आतंकियों की पहचान कुलगाम के ही वानगुंड के रहने वाले यासिर वानी और शोपियां जिले के चोटीपोरा निवासी रईश मंजूर के रूप में हुई है। इससे साफ है कि आतंकी भी अमरनाथ यात्रा में विघ्न डालने की पूरी तैयारी कर रखी है, लेकिन यात्रा के 40 दिन आतंकियों पर भारी पड़ने वाले हैं।