Rajni Patil in Jammu and Kashmir: जी-23 की सीधी चुनौती के बाद अपना घर संभालने में जुटी कांग्रेस
असंतुष्ट जी-23 ग्रुप के अहम नायक पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के तीखे तेवर से जम्मू कश्मीर कांग्रेस में शुरू अंतर्कलह व गुटबाजी से निपटने के लिए कांग्रेस आलाकमान सक्रिय हो चुकी है।जम्मू कश्मीर मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल ने शनिवार से प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर पहुंचीं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : असंतुष्ट जी-23 ग्रुप के अहम नायक पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के तीखे तेवर से जम्मू कश्मीर कांग्रेस में शुरू अंतर्कलह व गुटबाजी से निपटने के लिए कांग्रेस आलाकमान सक्रिय हो चुकी है। गुटों में बंटी कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस समिति में जम्मू कश्मीर मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर पहुंचीं। कश्मीर से शुरुआत कर उन्होंने पुलवामा और श्रीनगर में बैठकों से की। उन्होंने केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर सरकार को लताड़ा। पाटिल ने कहा कि पांच अगस्त 2019 को जो सब्ज बाग दिखाए थे, वह पूरी तरह सूखे में बदल चुके हैं।
केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार की नीतियों को लताड़ा
रजनी ने पुलवामा और श्रीनगर में कई कार्यकर्ताओं के साथ निजी तौर पर बातचीत करते हुए कांग्रेस को मजबूत बनाने पर उनकी राय भी ली। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर समेत सभी वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी मौजूद थे। रजनी ने कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे खुद को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार करें। केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों से निपटने के लिए हम सभी मिलकर लडऩा है। जम्मू कश्मीर में जिस तरह से लोकतांत्रिक संस्थाओं को दबाया जा रहा है, बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है, विकास कार्य ठप पड़े हैं। सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही नहीं पूरे मुल्क में लगभग यही स्थिति है। महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। लोग भाजपा की जनविरोधी नीतियों से तंग आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर मोर्चे पर नाकाम हो चुकी है। वह झूठे प्रचार के सहारे या अपने विरोधियों को दबाकर असलियत को ज्यदा देर तक नहीं छिपा सकती। कांग्रेस नेता ने कहाकि जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त 2019 को जो वादे किए थे, वह पूरी तरह धाराशायी हो चुके हैं। जम्मू कश्मीर को लेकर कांग्रेस का स्टैंड स्पष्ट है। प्रदेश के संदर्भ में हम केंद्र के किसी असंवैधानिक कदम का समर्थन नहीं करते। सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही नहीं बल्कि पूरे मुल्क में लोगों की उम्मीदें अब कांग्रेस पर टिकी हैं। हमें लोगों की आवाज बनकर आगे बढऩा है।
जब जम्मू में एकजुट हुए थे जी-23 के सदस्य :
फरवरी के अंत में गुलाम नबी आजाद, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, मनीष तिवारी, राज बब्बर और कपिल सिब्बल ने जम्मू में रैली कर बिना नाम लिए गांधी परिवार और उसके कुछ करीबियों का कांग्रेस की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहराया था। आजाद ने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी खुलकर सराहना की थी। उसके बाद से प्रदेश कांग्रेस में गुटबंदी तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर दो बार दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान को हालात से अवगत कराने गए।