Jammu Kashmir : विभाग की लापरवाही से करंट लगने से मौत होने पर मिलेगा मुआवजा
बिजली विभाग के किसी भी कर्मचारी की अगर ड्यूटी के दौरान करंट से मौत होती है या किसी नागरिक की विभाग की लापरवाही से मौत होती है तो पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजा के लिए बिजली विकास विभाग के तकनीकी सचिव को अधिकृत किया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : बिजली विभाग के किसी भी कर्मचारी की अगर ड्यूटी के दौरान करंट से मौत होती है, या किसी नागरिक की विभाग की लापरवाही से मौत होती है तो पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजा के लिए बिजली विकास विभाग के तकनीकी सचिव को अधिकृत किया गया है। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 की धारा 67 के तहत मिले अधिकारों का लाभ पीड़ित परिवार को दिया जाएगा। पहले करंट के शिकार अस्थायी बिजली कर्मचारियों के परिवार को मुआवजा के लिए दरबदर होना पड़ता था।
उपराज्यपाल ने बिजली विभाग के ड्यूटी के दौरान करंट लगने से मरने वाले कर्मचारियों के पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने के लिए विभाग के तकनीकी सचिव को अधिकृत करने को मंजूरी दी गई है। यह आदेश वित्त विभाग के वित्तीय आयुक्त अरुण कुमार मेहता ने जारी किया। जारी आदेश के तहत बिजली विभाग का कर्मचारी चाहे स्थायी हो या दिहाड़ीदार, कैजुअल लेबर या अन्य कर्मचारी, ड्यूटी के दौरान यदि उसकी मौत हो जाती है या आंशिक रूप से दिव्यांग हो जाता है तो उसे मुआवजा दिया जाएगा।
मौत होने पर पीड़ित परिवार को दस लाख का मुआवजा, पूरी तरह से दिव्यांग होने पर साढ़े सात लाख, आंशिक दिव्यांग होने पर दो लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। अगर बिजली विभाग की लापरवाही से किसी नागरिक की करंट से मौत होती है तो उसे भी मुआवजा दिया जाएगा। अगर विभाग की लापरवाही से कोई मवेशी मर जाता है तो मवेशी के मालिक को गाय, बैल, घोड़े के मामले में बीस हजार रुपये का मुआवजा, बकरी व भेड़ के मामले में पांच हजार का मुआवजा मिलेगा।