किश्तवाड़ में स्थिति तनावपूर्ण, आरएसएस नेता की शवयात्रा में बवाल, दिनभर लोगों व पुलिस में हुई झड़पें
आरएसएस नेता के अंतिम संस्कार के मद्देनजर कर्फ्यू में और सख्ती कर दी गई। कस्बे में सेना को तैनात कर दिया गया है।
किश्तवाड़, संवाद सहयोगी। आरएसएस नेता चंद्रकांत शर्मा की अंतिम यात्रा के दौरान कस्बे में पैदा हुआ तनाव अभी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। सुबह से शाम तक लोगों व लोगों व पुलिसकर्मियों के बीच झड़पे होती रही। जिसके बाद जिला प्रशासन ने पुलिस को पीछे हटाने के बाद कस्बे में सेना की तैनाती कर दी। गुस्साए लोगों को शांत करने के लिए पुलिस को हल्के बल प्रयोग के साथ अश्रुगैस का भी प्रयोग करना पड़ा। पुलिस की कार्रवाई पर भड़की भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया। इस झड़प में कुछ पुलिसकर्मियों के साथ लोग भी घायल हुए हैं। इसी बीच चंद्रकात शर्मा के अंतिम संस्कार में शामिल होने आ रहे डोगरा स्वाभिमान संगठन के संस्थापक एवं पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह व पूर्व मंत्री शक्ति परिहार को डोडा में ही रोक दिया गया। उन्हें किश्तवाड़ जाने की अनुमति नहीं दी गर्इ आैर उन्हें वहीं से वापिस भेज दिया गया।
आरएसएस नेता चंद्रकांत शर्मा की मंगलवार को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। शाम को उनका शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। इसके बाद से उनके घर में लोगों की भीड़ जमा थी। वहीं इस हत्याकांड के बाद किश्तवाड़ प्रशासन ने मंगलवार दोपहर से ही किश्तवाड़ में र्क्फ्यू लगा दिया था।
बुधवार को आरएसएस नेता के अंतिम संस्कार के मद्देनजर कर्फ्यू में और सख्ती कर दी गई। कस्बे में सेना को तैनात कर दिया गया है। तैनात होते ही सेना ने फ्लैग मार्च करने के साथ शहर के सभी रास्तों को सील कर दिया। इस सख्ती के बावजूद आरएसएस नेता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग सुबह ही उनके निवास पर पहुंच गए थे। सेना ने लोगों को कई जगहों पर रोकने का प्रयास किया। रोकने पर लोगों ने नारेबाजी की और सेना से जाने की अनुमति को लेकर हंगामा भी किया। जिसके बाद सेना ने उच्चाधिकारियों की मंजूरी से लोगों को बीच-बीच में जाने दिया।
दोपहर को आरएसएस नेता चंद्रकांत शर्मा की अंतिम यात्रा घर से निकली। तिरंगे में लिपटे आरएसएस नेता के अंतिम दर्शनों के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। तकरीबन दस हजार से अधिक लोग शवयात्रा में शामिल हुए। शवयात्रा में शामिल लोगों की चौगान से निकलने को लेकर वहां तैनात पुलिसकर्मियों के साथ बहस हो गई। देखते ही देखते मामला बिगड़ गया और लोग पुलिसकर्मियों पर टूट पड़े। बीच बचाव करने आए एसएसपी किश्तवाड़ से भी भीड़ ने धक्का मुक्की की। जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने एसएसपी को सुरक्षित निकाला। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने अश्रुगैस के साथ ही हल्का बल प्रयोग भी किया। जबाव में लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। इस झड़प में कुछ पुलिसकर्मियों के साथ स्थानीय लोगों के घायल होने की खबर है। मगर इसके बाद जल्द ही स्थिति नियंत्रित हो गई और लोग अंतिम संस्कार में शामिल हो गए।
अंतिम संस्कार के बाद फिर भड़के लोग, एसएसपी कार्यालय को घेरा
दिवंगत के अंतिम संस्कार के बाद स्थिति उस समय एक बार फिर तनावपूर्व हो गई जब लोग कस्बे में हत्यारों कों पकड़ने की मांग को लेकर कस्बे में शांतिपूर्वक रैली निकाल रहे थे। दरअसल सेना का एक जवान ड्रोन की मदद से रैली की वीडियोग्राफी कर रहा था। यह देख लोग भड़क गए और उन्होंने सुरक्षाकर्मी के साथ से रिमोर्ट छीन ड्रोन को तोड़ दिया। उसके बाद भीड़ ने एसएसपी कार्यालय का रूख किया और उस पर पथराव शुरू कर दिया। लोगों के विरोध काे देखते हुए जिला प्रशासन ने पुलिस को पीछे रख कस्बे को सेना के हवाले कर दिया है। सेना के जवान लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे है। फिलहाल अभी स्थिति सामान्य है परंतु स्थानीय नागरिक कर्फ्यू का उल्लंघन कर सड़कों पर उतरे हुए हैं। वे प्रशासन से हत्यारों को तुरंत हिरासत में लेने की मांग कर रहे हैं।
नेताओं, पूर्व मंत्रियों को नहीं मिली किश्तवाड़ जाने की अनुमति
आरएसएस नेता के अंतिम दर्शनों के लिए किश्तवाड़ जा रहे विहिप, आरएसएस और भाजपा नेता को भी आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। डोगरा स्वाभिमान संगठन के संस्थापक चौधरी लाल सिंह को डोडा पुलिस ने खिलैनी में गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें किश्तवाड़ जाने की अनुमति नहीं दी गई। पुलिस ने उन्हें बाद में खिलैनी से वापिस जम्मू भेज दिया। वहीं भद्रवाह से अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ किश्तवाड़ चंद्रकांत शर्मा के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे पूर्व मंत्री शक्ति परिहार को भी पुलिस ने डोडा पुलिस ने जाने की अनुमित नहीं दी। उन्हें भी डोडा से वापिस भेज दिया गया।