Militancy in Kashmir: सेना की चिनार कोर ने लघु फिल्म "हू डाइज" के लिंक को ट्वीटर हैडल पर किया शेयर, लोग कर रहे पसंद
फिल्म में बताया गया है कि दोनों एक दूसरे के दुश्मन होने के बावजूद एक-दूसरे के समान भी हैं। दोनों के भीतर एक बाप छिपा बैठा है जो किसी आम इंसान की तरह ही अपनी बच्चियों से प्यार करता है उनके लिए तड़पता है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर में आतंकियों के सफाय में जुटे सैन्यकर्मी और जिहादी तत्वों के दुष्प्रचार से गुमराह हो आतंकी बने युवकों के बीच जारी जंग को इंसानियत केे नजरिए से दिखाने वाली लघु फिल्म हू-डाइज? को इंटरनेट मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है। चार साल पहले निर्मित इस फिल्म के यू-ट्यूब लिंक को सेना की चिनार कोर ने एक बार फिर अपने ट्वीटर हैंडल पर शेयर किया है।
करीब 13 मिनट की यह फिल्म एक मुठभेड़ में घायल आतंकी और घायल जवान के बीच भावनात्मक कशमकश पर केंद्रित है। सर्दियों के माैसम में जब कश्मीर मे बर्फ गिर चुकी होती है, एक मुठभेड़ में घायल जवान अपनी जान बचाने के लिए बाग में स्थित एक विरान और खंडहर जैसे मकान में शरण लेता है। संयाेग से एक जवान जो उसी आतंकी के साथ मुठभेड़ में बुरी तरह जख्मी हो जाता है। वह मदद की उम्मीद में उसी मकान में पहुंचता है, जहां पहले से आतंकी जमीन पर पड़ा था। दोनों एक दूसरे पर अपना हथियार तान लेते हैं, लेकिन फायर नहीं कर पाते। दोनों में इतनी ताकत नहीं होती कि वह एक दूसरे पर गोली दाग सके।
फिल्म में बताया गया है कि दोनों एक दूसरे के दुश्मन होने के बावजूद एक-दूसरे के समान भी हैं। दोनों के भीतर एक बाप छिपा बैठा है, जो किसी आम इंसान की तरह ही अपनी बच्चियों से प्यार करता है, उनके लिए तड़पता है। फिल्म के लेखक, निदेशक शहनवाज बक्कर उर्फ रुफी खान खुद भी कश्मीरी हैं। उन्होंने इस फिल्म में घायल सैनिक की भूमिका निभायी है। यह फिल्म न्यूर्याक पीस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में समीक्षकों, आलोचकों और फिल्म विशेषज्ञों की खूब सराहना बटोर चुकी है।
चिनार कोर जो कश्मीर में एलओसी की हिफाजत करने से लेकर वादी के भीतरी इलाकों में आतंकियों के सफाए में अहम भूमिका निभा रही है, ने फिल्म के लिंक को शेयर करते हुए लिखा है- हू डाइज? एक सैनिक संघर्ष की पीड़ा को समझता है। प्रत्येक कश्मीरी का जीवन मायने रखता है। शहनवाज बक्कर द्वारा निर्देशित यह लघु फिल्म इसकी मिसाल है।
शहनवाज बक्कल अकसर इंटरनेट मीडिया पर इस फिल्म का शेयर करते रहते हैं। उन्होंने अप्रैल 2017 में पीएम मोदी को भी टैग किया था जब आतंकवाद पर बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की 'जीरो टॉलरेंस नीति' की चर्चा जोरों पर थी।