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पाकिस्तान को रास नहीं आ रही कश्मीर में शांति, आतंकी घुसपैठ के लिए कर रहा सीमा पर गोलाबारी

संघर्ष विराम की आड़ में इन्हें यहां भेजने का रोजाना प्रयास होता है परंतु सतर्क भारतीय जवानों की वजह से पाक सेना इसमें नाकाम साबित हो रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 11:36 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 01:44 PM (IST)
पाकिस्तान को रास नहीं आ रही कश्मीर में शांति, आतंकी घुसपैठ के लिए कर रहा सीमा पर गोलाबारी

श्रीनगर, जेएनएन। घाटी में शांति और सामान्य स्थिति पाकिस्तान को रास नहीं आ रही है। पाकिस्तान इसे बाधित करने के लिए भारतीय सीमा में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने का निरंतर प्रयास कर रहा है। रोजाना संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तानी रेंजर भारतीय चौकियों व रिहायशी इलाकों पर गोले दाग रहे हैं। हमारे जवान भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। यह सब आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने के लिए किया जा रहा है।

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यह बात चिनार कॉप्र्स कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि गुलाम कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा बनाए गए लांचिंग पैड में आतंकवादी भरे हुए हैं। संघर्ष विराम की आड़ में इन्हें यहां भेजने का रोजाना प्रयास होता है परंतु सतर्क भारतीय जवानों की वजह से पाक सेना इसमें नाकाम साबित हो रही है। इससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।

पाकिस्तान के भीतर और गुलाम कश्मीर में आतंकी ढांचा आज भी पहले की तरह ही सक्रिय है। घुसपैठ की कोशिशों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। हमारे जवान घुसपैठ के हर प्रयास को नाकाम बना रहे हैं। कई घुसपैठिए मारे गए हैं। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान काे भारी नुक्सान हुआ है।

उन्होंने कहा कि कश्मीर के मौजूदा हालात में बहुत सुधार हुअा है। आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की भर्ती इस समय अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है। घाटी में सक्रिय सभी आतंकी संगठनों के शीर्ष कमांडर मारे जा चुके हैं। लोग भी अब आतंकियों का पहले की तरह साथ नहीं देते। जिहादी तत्वों के दुष्प्रचार से गुमराह हो आतंकी बनने वाले कई युवक जिहाद की हकीकत को जानने के बाद मुख्यधारा में भी लौटे हैं। 

लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कहा कि आतंकियों की नापाक साजिशों को विफल बनाने के लिए सुरक्षाबल मुस्तैदी से तैनात हैं। लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के साथ-साथ जवान आम लोगों को आतंकी मंसूबों से भी अवगत करा रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। आम लोगों में सुरक्षाबलों के लिए विश्वास बढ़ा है। परेशानी के समय लोग सेना को याद करते हैं। वहीं सेना भी हर हालात में उन तक पहुंचने की कोशिश करती है। सेना अपना दायित्व आगे भी इसी तरह निभाती रहेगी। 


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