अलगाववादियों की सियासत से कश्मीर में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित
अलगाववादियों की सियासत से कश्मीर में बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। अलगाववादियों की सियासत से कश्मीर में बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। पहनू (शोपियां) में गत रविवार को मुठभेड़ में दो आतंकियों समेत छह लोगों की मौत से बिगड़े हालात के चलते प्रशासन की ओर से एहतियातन शिक्षण संस्थानों को बंद करने के साथ परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में स्कूलों में बोर्ड की परीक्षा के कई पेपर, कश्मीर विश्वविद्यालय में जारी पेपरों के साथ कश्मीर प्रशासनिक सेवा (केएएस) के कई पेपर भी रद हो चुके हैं।
हालात सामान्य रहने पर श्रीनगर में शनिवार व शोपियां में सोमवार को सभी स्कूल-कॉलेज खुल जाएंगे। इस बीच, कश्मीर में दो दिन (सोमवार व बुधवार) बंद के कारण बंधक रहा सामान्य जनजीवन वीरवार को फिर पटरी पर लौट आया। केवल दक्षिण कश्मीर के शोपियां में चौथे दिन और उत्तरी कश्मीर के बारामुला में दूसरे दिन बंद रहा। बनिहाल-बारामुला रेल सेवा भी तीन दिन तक ठप रहने के बाद सिर्फ बनिहाल से श्रीनगर तक बहाल हो गई।श्रीनगर, बड़गाम, गांदरबल, कंगन, कुपवाड़ा, मागाम, काजीगुंड, कुलगाम, अनंतनाग, पुलवामा, मागाम, हंदवाड़ा में सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही सामान्य जनजीवन ने रफ्तार पकड़ ली। सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले।
सरकारी कार्यालयों में भी आम दिनों की तरह ही कामकाज हुआ। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी सामान्य रही।अलबत्ता, शोपियां में लगातार चौथे दिन भी हड़ताल रही। कोई दुकान या अन्य कोई सरकारी गैर सरकारी प्रतिष्ठान नहीं खुला। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी लगभग शून्य रही। लोगों का विरोध है कि महनू में मुठभेड़ में मारे गए चार युवक ओवरग्राउंड वर्कर नहीं स्थानीय लोग थे। इसके अलावा बारामुला में बंद और हड़ताल बीती रात देलिना में एक बुजुर्ग की पुलिस वाहन की टक्कर से हुई मौत के खिलाफ रही।