India-China Border Issue: चीन को सबक सिखाने की तैयारियों में थल-वायु सेना, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाॅफ के गठन से मिला बल
सेना की 14 कोर के चीफ आफ स्टाफ मेजर जनरल अरविंद कपूर का कहना है कि चिनूक जैसे हेलीकाप्टरों से जरूरी सामान को आगे पहुंचाने की हमारी क्षमता में भारी वृद्धि हुई है। हम जवानों को ठहराने के लिए पहले से बने हट अग्रिम इलाकों तक पहुंचा पा रहे हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना व वायुसेना चीन पर संयुक्त प्रहार करने के लिए लगातार तैयारी कर रही हैं। युद्ध जैसी चुनाैतियों का बेहतर तरीके से सामना करने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के गठन के 10 महीने बाद सशस्त्र सेनाएं मिलकर सशक्त हो रही हैं।
यह जिम्मेवारी नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में कोर्समेट रह चुके सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने व वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदारिया संभाल रहे हैं। पूर्वी लद्दाख के हालात को लेकर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत से उनकी लगातार बैठकें हो रही है। इस समय स्पष्ट निर्देश हैं कि पूर्वी लद्दाख में कड़ी ठंड की चुनौती के बीच जंग लड़ने की तैयारी में कोई कमी नही आनी चाहिए। ऐसे में ठंड में जवानों को गर्म रखने के लिए पहले से बने हुए प्री फैबरीकेटेड हट भी वास्तिवक नियंत्रण रेखा तक पहुंचाए जा रहे हैं। इसके लिए वायुसेना के बेड़े में शामिल बड़े चिनूक हेलीकाप्टर काम आ रहे हैं।
पूर्वी लद्दाख में सर्दी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारियों के बीच मिसाइलों, टैंकों, तोपों के गोला बारूद से लेकर पेट्रोल, डीजल, राशन का प्रयाप्त भंडारण करने के लिए लेह के एयरफील्ड में वायुसेना के सी-17 ग्लोब मास्टर, आईएल-76 व सी-130 जे सुपर हरक्यूलियस विमान दिखना एक आम बात है। लेह के आसमान में इस समय उड़ने वाले विमान भारतीय वायुसेना की ताकत का प्रतीक हैं।
चिनूक से हमारी क्षमता बढ़ी: सेना की 14 कोर के चीफ आफ स्टाफ मेजर जनरल अरविंद कपूर का कहना है कि चिनूक जैसे हेलीकाप्टरों से जरूरी सामान को आगे पहुंचाने की हमारी क्षमता में भारी वृद्धि हुई है। हम जवानों को ठहराने के लिए पहले से बने हट बहुत जल्द अग्रिम इलाकों तक पहुंचा पा रहे हैं। इसके साथ सेना की अन्य जरूरतों को भी जल्द पूरा करना संभव हो रहा है। लद्दाख में आसमान पर इस समय फाइटर, हेलीकाप्टरों व ट्रांसपोर्ट विमानों का दबदबा है। ऐसे में चिनूक हेलीकाप्टरों के साथ लड़ाकू हेलीकाप्टर अपाचे भी मैदान में है। अग्रिम इलाकों में सक्रिय ये हेलीकाप्टर चुनौतियों के बीच डटे भारतीय सैनिकों का हौंसला भी बढ़ाते हैं।