Jammu Kashmir : राजस्व विभाग की आनलाइन सेवाओं के नाम पर अब नहीं हो पाएगी ठगी, प्रशासन ने रेट तय किए
Revenue Department Jammu and Kashmir जम्मू की डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा ने सोमवार को इस संदर्भ में आदेश जारी करते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में इस रेट लिस्ट को प्रभावी ढंग से लागू करवाने का निर्देश दिया है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : राजस्व विभाग की आनलाइन सेवाओं के लिए आम लोगों से मनमाने दाम वसूल रहे साइबर कैफे व स्टैंप विक्रेता अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। लोगों की शिकायतों को देखते हुए जम्मू जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग की आनलाइन सेवाओं के रेट तय कर दिए है और निर्धारित रेट से अधिक वसूली करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जम्मू की डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा ने सोमवार को इस संदर्भ में आदेश जारी करते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में इस रेट लिस्ट को प्रभावी ढंग से लागू करवाने का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को समय-समय पर मार्केट चेक करने का भी निर्देश दिया है।
इन सेवाओं के लिए निर्धारित हुए रेट
- चरित्र प्रमाण पत्र आवेदन : 50 रुपये
- विवाह प्रमाण पत्र आवेदन: 50 रुपये
- आय प्रमाण पत्र आवेदन: 50 रुपये
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का प्रमाण पत्र आवेदन : 50 रुपये
- अनुसूचित जाति-जनजाति प्रमाण पत्र आवेदन : 50 रुपये
- कानूनी वारिस प्रमाण पत्र आवेदन: 50 रुपये
- ओबीसी,आरबीए व एएलसी प्रमाण पत्र आवेदन: 50 रुपये
- आश्रित प्रमाण पत्र आवेदन: 50 रुपये
- पहाड़ी भाषी प्रमाण पत्र आवेदन : 50 रुपये
- संपत्ति प्रमाण पत्र आवेदन : 100 रुपये
- बेरोजगारी प्रमाण पत्र आवेदन : 50 रुपये
- विरासती संपत्ति परिवर्तन सत्यापन आवेदन : 50 रुपये
- हुक्मनामा सत्यापन आवेदन : 50 रुपये
- अधिकारिक आदेश का सत्यापन आवेदन : 50 रुपये
- अधिकार हस्तांतरण सत्यापन आवेदन : 100 रुपये
- हस्तांतरण सत्यापन आवेदन : 50 रुपये
- राजस्व फर्द : 50 रुपये
- राजस्व नकल : 50 रुपये
- संपत्ति प्रमाण पत्र : 50 रुपये
- लट्ठा पाने के लिए आवेदन : 50 रुपये
- जमीन की निशानदेही : 50 रुपये
- तातिमा शाजरा आवेदन : 50 रुपये
- गिरदावरी पाने के लिए आवेदन : 50 रुपये
- जमाबंदी पाने के लिए आवेदन : 50 रुपये
- बैंक ऋण : 50 रुपये
- कानूनी वारिस प्रमाण पत्र आवेदन : 50 रुपये
- जमीन इस्तेमाल में बदलाव : 50 रुपये
- लैंड पासबुक : 50 रुपये
15 जुलाई तक सभी आनलाइन सेवाओं को रेपिड असेस्मेंट सिस्टम से जोड़ें : मुख्यसचिव डा अरुण कुमार मेहता में जम्मू कश्मीर में 15 जुलाई तक सभी आनलाइन सेवाओं को रेपिड असेस्मेंट सिस्टम के साथ जोड़ने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ मुख्यसचिव ने सरकारी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे आनलाइन सेवाओं संबंधी मामलों को ऑफलाइन माध्यम से निपटाना बंद कर दें।
रेपिड असेस्मेंट सिस्टम के माध्यम से सरकार विभागों द्वारा दी जा रही सेवाओं के बारे में लोगों की राय हासिल कर रही है। इसके आधार पर तय किया जा रहा है कि विभाग सही प्रकार से सेवाए उपलब्ध करवा रहे हैं या नही। ऐसे में जम्मू कश्मीर में लोगों को ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध करवाने से उनका बेहतर तरह से निगरानी करना संभव हो रहा है। मुख्यसचिव सोमवार को श्रीनगर में सरकारी विभागों द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही आनलाइन सेवाओं को रेपिड असेस्मेंट सिस्टम के साथ जोड़ने की दिशा में हो रही कार्रवाई की समीक्षा कर रहे थे।
इस बैठक में अतिरिक्त मुख्यसचिव, गृह विभाग, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, शहरी आवास विभाग के प्रमुख सचिव, सामान्य विभाग प्रशासनिक विभाग के प्रमुख सचिव व अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। आईटी विभाग के सचिव व जिलाधीशों ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया। वही पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत उपलब्ध सेवाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यसचिव ने कहा कि कि लोगों को तय समय सीमा में सेवाएं उपलब्ध करवाया जाना जरूरी है।
इन सेवाओं को आनलाइन पोर्टल के साथ जोड़ने के निर्देश देते हुए मुख्यसचिव ने कहा की निगरानी कर रहे विभाग, ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें जो तय समय सीमा में आनलाइन सेवाएं उपलब्ध करवाने में लापरवाही बरत रहे हैं। बैठक में आईटी विभाग के सचिव ने बताया कि इस समय 207 सेवाओं के अलावा 23 अतिरिक्त आनलाइन सेवाओं को जल्द लोगों के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सभी सेवाओं को रैपिड असेस्मेंट सिस्टम के साथ जोड़ा जाएगा ताकि इनके बारे में लोगों की प्रतिक्रिया हासिल हो सके।