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Jammu Kashmir: पूर्व मंत्री जतिंदर सिंह ऊर्फ बाबू सिंह सहित तीन के खिलाफ Terror Funding मामले में आरोपपत्र दायर

बाबू सिंह जम्मू कश्मीर गुलाम जम्मू कश्मीर और गिलगित बाल्तिस्तान को मिलाकर एक स्वतंत्र जम्मू कश्मीर राष्ट्र जि सकी करंसी सुरक्षा और विदेश मामलों को भारत व पाकिस्तान संयुक्त रूप से नियंत्रित करें बनाना चाहता था। वह हिजबुल मुजाहिदीन और जेकेएलएफ के आतंकियों के साथ लगातार संपर्क में था।

By naveen sharmaEdited By: Vikas AbrolPublished: Sat, 24 Sep 2022 08:53 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 09:06 PM (IST)
पूर्व मंत्री बाबू सिंह समेत तीन लाेगों के खिलाफ एसआइए ने टेरर फंडिंग के सिलसिले में आरोपपत्र दायर किया।

जम्मू, जागरण ब्यूरो। जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री जतिंदर सिंह ऊर्फ बाबू सिंह समेत तीन लाेगों के खिलाफ प्रदेश जांच एजेंसी (एसआइए) ने टेरर फंडिंग के सिलसिले में आरोपपत्र दायर किया। बाबू सिंह जम्मू कश्मीर, गुलाम जम्मू कश्मीर और गिलगित बाल्तिस्तान को मिलाकर एक स्वतंत्र जम्मू कश्मीर राष्ट्र जि सकी करंसी, सुरक्षा और विदेश मामलों को भारत व पाकिस्तान संयुक्त रूप से नियंत्रित करें, बनाना चाहता था। वह हिजबुल मुजाहिदीन और जेकेएलएफ के आतंकियों के साथ लगातार संपर्क में था। 

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इस साजिश के तहत ही उसने नेचर मैनकांइड फ्रेेंडली ग्लोबल पार्टी का गठन किया था। यह खुलासा प्रदेश जांच एजेंसी एसअाइए ने बाबू सिंह और उसके दो अन्य साथियों के खिलाफ शनिवार को तृतीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जम्मू की अदालत में शनिवार को दायर आरोपपत्र में किया है। अन्य दो आरोपितों के नाम माेहम्मद शरीफ शाह और मोहम्मद हुसैन खतीब हैं।

जतिंदर सिंह जिन्हें जम्मू कश्मीर में लोग बाब सिंह के नाम से जानते हैं, जिला कठुआ के रहने वाले हैं। मूलत: कम्यूनिस्ट विचारधारा बाबू सिंह ने वर्ष 2002 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय जीता अौर उसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। पीडीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह ने वर्ष 2008 में कांग्रेस से किनारा कर लिया था मोहम्मद शरीफ शाह दक्षिण कश्मीर में लारनू अनंतनाग का रहने वाला है जबकि मोहम्मद हुसैन खतीब भद्रवाह डोडा का रहने वाला है। मोहम्मद हुसैन खतीब इस समय पाकिस्तान में रह रहा है।मोहम्मद शरीफ शाह को जम्मू पुलिस ने 6.90 लाख रूपये की नकदी संग पकड़ा था। वह यह धनराशि बाबू सिंह के लिए लाया था। बाबू सिंह ने यह धनराशि अपनी पार्टी नेचर मैनकाईंउ फ्रेंडली ग्लोबल पार्टी की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करनी थी।

बाबू सिंह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और जेकेएलएफ के सरहद पार बैठे सरगनाओं के साथ भी लगातार संपर्क में था। इन्हीं आतंकियों ने पाकिस्तान से अपने नेटवर्क के जरिए बाबू सिंह को पार्टी चलाने के लिए पैसा भेजा था। नेचर मैनकाईंउ फ्रेंडली ग्लोबल पार्टी के विजन डाक्यूमेंट में स्पष्ट किया गया है कि यह संगठन जम्मू कश्मीर, गुलाम जम्मू कश्मीर और गिलगित बल्तिस्तान को एक स्वतंत्र राष्ट्र ,जिसकी करंसी, विदेश मामले और वित्तीय मामलों पर पाकिस्तान व भारत का संयुक्त नियंत्रण होगा, स्थापित करेगा।शुरु में इस मामले की जांच गांधीनगर पुलिस थाने अधीन ही थी ,बाद में इसे जम्मू कश्मीर प्रदेश जांच एजेंसी एसआइए को सौंपा गया था। एसआइए ने अपने आरोपपत्र में बताया मैनकाईंड फ्रेंडली ग्लोबल पार्टी के मकसद का खुलासा करने के साथ ही बताया है बाबू सिंह इंटरनेट मीडिया के जिरए मोहम्मद हुसैन खतीब के साथ लगातार संपर्क में था। वह पैसे का बंदोबस्त करने के लिए दुबई भी गया था। मोहम्मद शरीफ को बाबू सिंह की पार्टी का सचिव बनाया गया था।

मोहम्मद शरीफ ने ही एक अज्ञात व्यक्ति से कश्मीर में धनराशि प्राप्त की और फिर उसे बाबू सिंह को सौंपने के लिए जम्मू आया था। यह धनराशि पाकिस्तान में बैठे हिज्ब आतंकी मोहम्मद खतीब ने ही अपने नेटवर्क के जरिए उपलब्ध कराई थी। मोहम्मद शरीफ यह धनराशि बाबू सिंह को सौंपता,उससे पहले ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।एसआइए ने अपनी जांच में पाया है कि बाबू सिंह देश के दुश्मनोे के साथ अक्सर आनलाइन बैठकों व साक्षात्कारों में भाग लेता था। वह आतंकी मकबूल बट की तुलना अमर बलिदानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव सिंह के साथ करता था। वह मकबूल बट को जम्मू कश्मीर का महान स्वतंत्रता सेनानी और एक बड़ा क्रांतिकारी बताता था जिसने जम्मू कश्मीर की आजादी के लिए अपने प्राण दिए। अपने एक आनलाइन साक्षात्कार में बाबू सिंह ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के संदर्भ में भारत सरकार को जम्मू कश्मीर को और विभाजित किए जाने पर धमकाया था। जांच में पता चला है कि बाब सिंह पाकिस्तान में बैठे मोहम्मद हुसैन खतीब समेत हिजबुल मुजाहिदीन के कई आतंकियों के साथ लगातार संपर्क में था। उसके मोबाइल फोन से भी उसकी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से संबधित कई अहम सुबूत मिले हैं। उसे फोन के डेटा से मिले राष्ट्रविरोधी साहित्य के आधार पर पता चलता है कि वह राष्ट्रीय एकता,अखंडता और संप्रभुता को भंग करना चाहता था।


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