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Jammu Kashmir : कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के लिए केंद्र के पास कोई ब्लू प्रिंट नहीं

रिकंसीलेशन रिटर्न एंड रिहैबिलिटेशन आफ माईग्रेंट आर्गेनाइजेशन ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी को लेकर केंद्र सरकार के पास अभी तक कोई ब्लू प्रिंट नही है। ऐसा लगता है कि कश्मीरी पंडितों को महज वायदों में ही उलझा कर रखा गया है।

By VikasEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 07:10 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 07:10 PM (IST)
Jammu Kashmir : कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के लिए केंद्र के पास कोई ब्लू प्रिंट नहीं
रिकंसीलेशन रिटर्न एंड रिहैबिलिटेशन आफ माईग्रेंट आर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष सतीश महालदार

जम्मू, जागरण संवाददाता । रिकंसीलेशन रिटर्न एंड रिहैबिलिटेशन आफ माईग्रेंट आर्गेनाइजेशन ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी को लेकर केंद्र सरकार के पास अभी तक कोई ब्लू प्रिंट नही है। ऐसा लगता है कि कश्मीरी पंडितों को महज वायदों में ही उलझा कर रखा गया है। हकीकत में इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है ।

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शनिवार शाम को संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष सतीश महालदार ने कहा कि पिछले 30 वर्षों से कश्मीरी पंडित पने घरों से दूर है मगर सरकार उसकी वापसी का कोई रास्ता नही निकाल रही। हालांकि चुनावों में कश्मीरी पंडितों के साथ अनेकों वायदे किए गए थे। अब सारी अड़चने दूर हो चुकी है लेकिन सरकार के एजेंडे में कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए कोई योजना नही है।

महालदार ने कहा कि घाटी में अपनी मातृ भूमि से दूर हुए कश्मीरी पंडित अपनी संस्कृति से जुड़ना चाहते हैं। भारतीय संविधान के दायरे में उनको कश्मीर में उचित जगह या उनके ही घरों में पूर्ण सुरक्षा के बीच बसाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए सरकार कोई ब्लू प्रिट तो तैयार करे। महज वायदे इकरार में बातें हो रही हैं और इसमें कश्मीरी पंडित पूरी तरह से उलझन में है। महालदार ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद अब केंद्र सरकार ने देश के लोगों को यहां पर निवेश के लिए 4.2 लाख कनाल भूमि सुरक्षित की है। ऐसे में कश्मीरी पंडित सरकार से पूछ रहे हैं कि जब बाहरी लोगों के लिए भूमि सुरक्षित की गई है तो जम्मू कश्मीर के ही निवासी जोकि घाटी से विस्थापित हुए हैं, की वापसी के लिए 300 कनाल भूमि सुरक्षित क्यों नही की जाती।

नौकरियों के नाम पर कश्मीरी पंडितों को किया जा रहा गुमराह

रिकंसीलेशन रिटर्न एंड रिहैबिलिटेशन आफ माईग्रेंट के प्रधान सतीश महालदार ने कहा कि नई नौकरियों को लेकर भी जम्मू कश्मीर प्रशासन कश्मीरी पंडितों को गुमराह कर रहा है। अभी पिछली नौकरियों का हिसाब पूरा नही हुआ। प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के अधीन कश्मीरी पंडितों के लिए छह हजार नौकरियां थी। मगर आधे पद ही भरे जा सके। बाकी के पद आज तक भरे नही गए। केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन पहले बकाया पदों को तो भरे।मौके पर सुनील पंडित, भविष्य कौल, एमके योगी भी उपस्थित थे। 


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