JK: पर्यटन उद्योग को नई दिशा मिलने की उम्मीद, पुरातात्विक स्थलों के लिए हुआ 2500 करोड़ का आवंटन
छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध देवस्थान पुरमंडल व उत्तरवाहिनी को अब केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में विकास कार्यों को गति देने के लिए पहली बार 30,757 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा है। केंद्रीय बजट में पहली बार पुरातात्विक स्थलों के विकास के लिए 2500 करोड़ रुपये का विशेष आवंटन हुआ है। केंद्र सरकार की इन घोषणाओं से राज्य में पर्यटन उद्योग को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि जम्मू कश्मीर में विकास को गति देने में पैसा कभी अड़चन नहीं बनेगा। हालांकि जम्मू कश्मीर के लिए 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बजट का कितना हिस्सा पर्यटन उद्योग पर खर्च होगा, इसका फिलहाल कोई आंकड़ा सामने नहीं आया है। पर्यटन विभाग ने जिन योजनाओं के लिए केंद्र के पास प्रस्ताव भेजे थे, उनसे यह आकलन लगाया जा सकता है कि बजट का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन ढांचे को विकसित करने पर खर्च होगा। पहली बार केंद्र सरकार ने जम्मू में पर्यटन योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के साथ कई नई योजनाओं पर काम शुरू करने की मंजूरी प्रदान की है।
गत वर्ष दिसंबर में केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल का जम्मू दौरा काफी महत्वपूर्ण रहा। पटेल ने जिस तरह पर्यटन विभाग जम्मू को विभिन्न योजनाओं की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का निर्देश दिया और जिस तेजी से विभाग ने काम करके बजट से पूर्व केंद्र के पास प्रस्ताव भेजे, उससे आने वाले समय में जम्मू का पर्यटन उद्योग नई बुलंदियों पर होगा।
इन स्थलों को विकसित करने के लिए केंद्र को सौंपे गए प्रस्ताव
जम्मू में पर्यटन की दृष्टि से मुबारक मंडी, बाहुफोर्ट केबल कार, सुरुईंसर-मानसर, उत्तरवाहिनी-पुरमंडल के अलावा अखनूर का जियापोता घाट व अंबारा महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। इन सभी स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए केंद्र को प्रस्ताव सौंपे गए हैं।
प्रसाद योजना के तहत विकसित होंगे पुरमंडल-उत्तरवाहिनी
छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध देवस्थान पुरमंडल व उत्तरवाहिनी को अब केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। कहा जाता है कि यहां से किसी समय दूध की गंगा बहा करती थी। कुछ दिन पहले भी ऐसा ही करिश्मा उत्तरवाहिनी में देखने को मिला था। दोनों धार्मिक स्थलों पर सरायें बनाई जाएंगी और अन्य बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा।
अंबारा में बनेगा संग्रहालय
जम्मू में बौद्ध धर्म की मौजूदगी को दर्शाने वाले अखनूर के अंबारा को भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में काम शुरू होगा। यहां खोदाई के दौरान जो भी महत्वपूर्ण अंश मिले हैं, उन्हें दुनिया के सामने रखने के लिए संग्रहालय बनाने की योजना है। अंबारा में खोदाई के दौरान मिले मठ व अन्य सामग्री को संग्रहालय का हिस्सा बनाया जाएगा। दरिया चिनाब किनारे बने जियापोता घाट, अखनूर किले, कामेश्वर मंदिर व पांडव गुफा को भी पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए काम शुरू होगा। पर्यटन विभाग अखनूर से अंबारा तक टूरिस्ट सर्किट तैयार करने की योजना बना रहा है।
चुनौतीपूर्ण खेलों का केंद्र बन रहा सुरुईंसर
सुरुईंसर झील के आसपास पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग इस क्षेत्र को चुनौतीपूर्ण खेलों का केंद्र बनाने में जुटा है। विभाग ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग के साथ मिलकर यहां पैराग्लाइङ्क्षडग का सफल ट्रायल भी कर लिया है। सुरुईंसर में एथम से पैराग्लाइङ्क्षडग को मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही यहां व्यावसायिक स्तर पर पर्यटकों के लिए पैराग्लाइङ्क्षडग की व्यवस्था होगी। इसके अलावा क्लाइंङ्क्षबग वॉल, फ्लोङ्क्षटग जेट्टी व फिश इक्वेरियम बनाने के लिए भी काम होगा। क्लाइंङ्क्षबग वॉल का प्रस्ताव पिछले साल के बजट में प्रशासनिक विभाग को सौंपा गया था, जबकि फ्लोङ्क्षटग जेट्टी का प्रस्ताव इस साल के बजट में रखा गया था। सुरुईंसर में फिश इक्वेरियम बनाने की संभावनाओं पर भी काम हो रहा है। पर्यटकों के लिए पार्क भी विकसित किया जा रहा है।
- जम्मू कश्मीर के लिए 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बजट में से पर्यटन क्षेत्र को कितना आवंटित होता है। इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह तय है कि पर्यटन क्षेत्र को बजट में विशेष प्राथमिकता मिली है। जम्मू में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम हो रहा है। पैसा मिलते ही काम में तेजी आएगी और जल्द ही जम्मू पर्यटन के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। - दीपिका कुमारी, निदेशक, पर्यटन विभाग जम्मू