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Bipin Rawat Death News : अपनी सुरक्षा में तैनात जवानों को भी सैल्यूट कर आगे बढ़ते थे जनरल रावत

जनरल रावत हाल ही में राजौरी व पुंछ के दौरे पर आए थे। उन्होंने अग्रिम क्षेत्रों का दौरा करके सुरक्षा की समीक्षा की थी। डेढ़ माह पहले भाटीधार के जंगलों में आतंकियों व सेना के जवानों के बीच चल रही मुठभेड़ के दौरान भी वह दौरे पर आए थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 12:51 PM (IST)
जनरल रावत हाल ही में राजौरी व पुंछ के दौरे पर आए थे।

राजौरी, गगन कोहली  : पुंछ और राजौरी जिलों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मुस्तैदी से पाकिस्तान की हर नापाक साजिश का करारा जवाब देने वाली सेना के मनोबल के पीछे जनरल बिपिन रावत थे। जनरल रावत जब भी राजौरी व पुंछ के दौरे पर आते थे तो तकनीकी हवाई अड्डे से अपने वाहन में सवार होकर सैन्य शिविर की तरफ जाते समय रास्ते में जितने भी जवान उनकी सुरक्षा के लिए तैनात होते थे, वह सभी को सैल्यूट करके आगे बढ़ते थे, ताकि उनका जोश बना रहे।

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एलओसी पर तैनात जवानों के मनोबल में कोई कमी न रहे, इसके लिए सेना अध्यक्ष और चीफ आफ डिफेंस स्टाफ रहते जनरल रावत समय-समय पर दौरे करते थे। एलओसी की अग्रिम चौकियों पर जाकर जवानों से मुलाकात करने के साथ उनके साथ जल-पान भी करते थे।

जनरल रावत हाल ही में राजौरी व पुंछ के दौरे पर आए थे। उन्होंने अग्रिम क्षेत्रों का दौरा करके सुरक्षा की समीक्षा की थी। डेढ़ माह पहले भाटीधार के जंगलों में आतंकियों व सेना के जवानों के बीच चल रही मुठभेड़ के दौरान भी वह दौरे पर आए थे और दिशा निर्देश देकर लौट गए थे।

औरंगजेब की शहादत के बाद आए थे सलानी गांव : पुंछ जिले की मेंढर तहसील के सलानी गांव के रहने वाले सिपाही औरंगजेब को आतंकियों ने जुलाई 2018 में अगवा करके शहीद कर दिया था, जब वह ईद मनाने के लिए अपने घर आ रहे थे। इस शहादत के समय जनरल रावत सेना अध्यक्ष थे और वह सलानी गांव पहुंचे थे। उन्होंने शहीद के स्वजन के साथ अपनी संवेदना प्रकट की थी। शहीद औरंगजेब के पिता व पूर्व सैनिक मुहम्मद हनीफ ने कहा कि आतंकियों ने मेरे बेटे को शहीद कर दिया था। उस समय जनरल रावत खुद हमारे घर आए थे। उन्होंने कहा कि आज वह इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका बढ़ाया हौसला आज भी हमारे साथ है।

समय निकालकर आते थे अपनी पलटन में : जनरल रावत की अपनी पलटन 5/11 गोरखा राइफल थी। जिस समय जनरल बिपिन रावत सेना अध्यक्ष थे, तो उनकी पलटन पुंछ के हमीरपुर सेक्टर में तैनात थी। जनरल रावत समय निकलकर अपनी पलटन में जरूर आते थे और जवानों व अधिकारियों के साथ मिलते और कुछ समय गुजारने के बाद दिल्ली लौट जाते थे।

आज गुमसुम हैं राजौरी के युवा : जनरल रावत की शहादत की खबर से राजौरी के युवा भी गुमसुम से हैं। दरअसल, राजौरी के कालाकोट क्षेत्र में तैनात आरआर बटालियन ने फरवरी 2018 को जिले के दूरदराज क्षेत्रों के युवाओं के दल को भारत दर्शन पर रवाना किया था। 16 फरवरी को इन युवाओं की दिल्ली में जनरल बिपिन रावत से मुलाकात हुई थी। इस दल में शामिल युवा विक्रम कुमार ने कहा कि दिल्ली में सेना के मुख्यालय में जनरल रावत ने हम लोगों का स्वागत किया और काफी लंबे समय तक हमारे साथ बातचीत की। विक्रम बताते हैं कि उन्होंने आतंकवाद के बारे में विस्तार से पूछा और कहा था कि आप लोगों ने जिस तरह से आतंकवाद का मुकाबला किया है वह एक बहादुरी की मिसाल है। इसके अलावा उन्होंने हम लोगों से क्षेत्र के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली। विक्रम ने कहा कि रावत की शहादत की खबर से मैं पूरी तरह स्तब्ध हूं। यहीं हाल अन्य युवाओं का भी है, जो उनसे मिले थे। 


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