Jammu Kashmir: सभी थानों में लगेंगे सीसीटीवी, कोर्ट भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेलों से जोड़े जा रहे
न्यायपालिका ई. कोर्ट को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेलों से जोड़ने जा रही जिससे पेशी की कार्रवाई को पूरा किया जाएगा। इससे समय और सुरक्षा बंदोस्त की भी बचत होगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने से लेकर पुलिस थानों व चौकियों की कार्यप्रणाली को पूरी तरह समर्थ व पारदर्शी बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने सभी थानों और चौकियों के भीतर व आसपास के इलाकों में क्लोज सर्किट टीवी स्थापित करने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए निविदाएं भी आमंत्रित की गई हैं। राज्य में करीब 250 पुलिस थाने व चौकियां हैं।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस मुख्यालय श्रीनगर ने इस सिलसिले में ई-टेंडर जारी किए हैं। जारी ई-टेंडर की अधिसूचना मे कहा गया है कि उपराज्यपाल जम्मू कश्मीर की तरफ से केंद्र शासित राज्य में इंटेग्रेटिड कमांड-कंट्रोल सेंटर के साथ सीसीटीवी सर्विलांस यूनिट की स्थापना के लिए डिजायन और परिकल्पना के साथ संबधित लोगों से ई-निङ्क्षवदाएं आमंत्रित की जाती हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही टेंडर और बोली की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। प्रत्येक थाने के भीतर और उसके आसपास के इलाकों में सीसीटीवी लगाए जाएंगे। पुलिस चौकियां भी अपनी आवश्यकता के अनुसार इन्हें स्थापित करेंगे।
उन्होंने बताया कि थानों व चौकियों में सीसीटीवी लगाने से न सिर्फ पुलिस की कार्यप्रणाली और संबंधित अधिकारियों को पूरी तरह समर्थ और निष्पक्ष बनाने में मदद मिलेगी। इससे आम लोगों के लिए त्वरित न्याय को यकीनी बनाने में भी सहायता होगी। उन्होंने बताया कि पहले से स्थापित सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत और उनमें व्यापक सुधार के लिए भी निविदाएं मांगी गई हैं। उन्होंने बताया कि पूरी निविदा प्रक्रिया को इसी माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा और जनवरी में सीसीटीवी की स्थापना की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।
कोर्ट को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेलों से जोड़ा जा रहा
कोर्ट को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जेलों से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। कैदियों को मिल रही सुविधाओं का जायजा लेने के लिए लीगल सर्विस अथॉरिटी जम्मू के चेयरमैन जस्टिस अली मोहम्मद मागरे ने कठुआ व हीरानगर जेल का दौरा किया। वह जेल में बंद कैदियों से भी रूबरू हुए। जस्टिस मागरे ने बताया कि जेलों में कैदियों को दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर न्यायपालिका काफी गंभीर है। उन्होंने कहा कि जेलों में रह रहे कैदियों को पर्याप्त सुविधाएं मुहैया करवाना न्यायापालिका का कर्तव्य है, चूंकि जेलों में रहने वाले कैदियों और विचाराधीन आरोपितों के कई अन्य जिलों में केस चल रहे हैं। जिसके लिए कैदियों को पेशी के लिए संबंधित कोर्ट में ले जाया जाता है।
हर बार सुरक्षा और परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित करनी पड़ती है। इससे बचने के लिए न्यायपालिका ई. कोर्ट को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेलों से जोड़ने जा रही, जिससे पेशी की कार्रवाई को पूरा किया जाएगा। इससे समय और सुरक्षा बंदोस्त की भी बचत होगी और विचाराधीन आरोपितों को लाभ मिलने के साथ कोर्ट में किसी केस में देरी नहीं होगी। जेलों में कैदियों व विचाराधीन आरोपितों को दिए जाने वाले खाने व अन्य सुविधाओं के सिलसिले में कैदियों से विचार विमर्श किया।
मनोरंजन और खेलों के आयोजन की भी समीक्षा
कैदियों के मनोरंजन और खेलों के आयोजन की भी समीक्षा की गई। कोर्ट में लंबित केसों की प्रगति को भी देखा। बाद में जस्टिस मागरे ने हीरानगर जेल का भी दौरा किया। इस मौके पर डीजी कारागार वीके सिंह, जिला जेल अधीक्षक मुश्ताक अहमद मला और जिला पुलिस प्रमुख श्रीधर पाटिल भी मौजूद रहे।