रिश्वतखोरी की शिकायत पर जम्मू नगर निगम में सीबीआइ का छापा, जब्त किए रिकॉर्ड
जागरण संवाददाता जम्मू जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में रिश्वतखोरी और वाहनों को किराये पर
जागरण संवाददाता, जम्मू : जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में रिश्वतखोरी और वाहनों को किराये पर लेने व पेट्रोल बिलों में हेराफेरी की शिकायते मिलने पर सेंट्रल ब्यूरो आफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआइ) की टीम ने सोमवार को जम्मू नगर निगम के डोगरा हाल स्थित कार्यालय में छापा मारा। शाम तक टीम कार्यालय में रही और निगम के विभिन्न सेक्शनों में रिकॉर्ड और पैसे के लेन-देन संबंधी दस्तावेज जब्त किए।
सुबह करीब ग्यारह बजे सीबीआइ की टीम डोगरा हाल पहुंची। 18 सदस्यीय टीम के साथ पुलिस की टुकड़ी भी थी। टीम ने पहले चीफ अकाउंट ऑफिसर कार्यालय में छापा मारा। इसके बाद चीफ अकाउंट ऑफिसर, जो निगम में डिपार्टमेंट विजिलेंस ऑफिसर भी हैं, को साथ लेकर टीम निगम की हेल्थ सेक्शन के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सेक्शन में पहुंची। इस दौरान पुलिस भी वहां मौजूद रही। टीम ने सेक्शन में पहुंचकर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की एवज में आने वाली फीस और जीआर के माध्यम से जमा होने वाले पैसे का लेखा-जोखा लिया। इस सेक्शन में टीम ने जमा हुए पैसे भी देखे और इनका रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। टीम ने इस सेक्शन में काम कर रहे विभिन्न कर्मचारियों के नाम और काम पूछने के साथ सेक्शन में पैसे रखने के बने स्थानों, गल्लों व दराजों की भी जांच की। पैसा देखने और इसे गिनने के बाद संबंधित मुलाजिमों को सौंप दिया गया, लेकिन इसका रिकॉर्ड भी मांगा। सीबीआइ ने दो टीमें बनाकर विभिन्न सेक्शनों में जांच-पड़ताल की। ट्रांसपोर्ट सेक्शन का लेखा-जोखा जांचा
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के सेक्शन में जांच-पड़ताल के बाद सीबीआइ टीम चीफ ट्रांसपोर्ट सेक्शन पहुंची। यहां टीम ने विभिन्न वाहनों की आवाजाही, इन पर खर्च होने वाले पैसों के लेन-देन के अलावा एनजीओ व नाला गैंग की तैनाती संबंधी विस्तृत जानकारियां हासिल कीं। टीम ने इस सेक्शन में जीआर के माध्यम से आने वाली फीस और रिकॉर्ड की भी जांच-पड़ताल की। इतना ही नहीं विगत वर्षों में हुए खर्चे संबंधी दस्तावेज भी जांचे। टीम ने यहां से 2014 से 2020 तक एनजीओ, नाला गैंग कर्मियों की तैनाती संबंधी दस्तावेजों की प्रतिलिपियां भी लीं। बिल्डिग और खिलाफवर्जी सेक्शन में भी जांचे रिकॉर्ड
सीबीआइ टीम ने नगर निगम की बिल्डिग सेक्शन में भी छापा मारा। यहां टीम ने विभिन्न दस्तावेज जांचे। इसके अलावा खिलाफवर्जी सेक्शन में जाकर अधिकारियों से कामकाज करने के तरीके और व्यवसायिक इमारतों के निर्माण और कार्रवाई बारे भी पूछताछ की। शाम को करीब पांच बजे टीम ने सभी दस्तावेज जुटाने के साथ संबंधित सेक्शन के अधिकारियों के हस्ताक्षर करवाना शुरू किए। करीब छह बजे टीम ने काम खत्म किया। टीम ने विभिन्न दस्तावेजों की फोटो कापियां करवाकर उसे रिकॉर्ड में रख लिया। -----------
कॉरपोरेटरों ने लगाए थे हर महीने लाखों के घपले के आरोप
जागरण संवाददाता, जम्मू : नगर निगम में हर महीने लाखों रुपये के घोटाले के आरोप लगते रहे हैं। जुलाई माह में शहर में नक्शा प्रक्रिया को सरल करने के लिए बनी हाउसिग कमेटी के चेयरमैन एवं वार्ड 16 के कॉरपोरेटर राजेंद्र शर्मा ने पत्रकार वार्ता में निगम में हर महीने करीब 40 लाख रुपये के घपले का आरोप लगाया था। उन्होंने इस संबंध में सीबीआइ डायरेक्टर से भी शिकायत करने की बात कही थी। शर्मा का कहना था कि नगर निगम में एक ऑटो का किराया 40 हजार रुपये चुकाया जाता है, जबकि ऑटो वाले को सिर्फ 28 हजार ही मिलते हैं। उन्होंने सवाल किया था कि टैक्स काटकर भी हर माह प्रति ऑटो के किराये में से 9500 रुपये कहां जा रहे हैं? उनका आरोप था कि सभी ऑटो का पूरा किराया न देने के कारण साल में 250 करोड़ रुपये का घोटाला हो रहा है। चेयरमैन ने नगर निगम के अधिकारियों से इस संबंध में स्पष्टीकरण भी मांगा था। शर्मा ने कहा था कि पूर्व सीटीओ के कार्यकाल में पेट्रोल और डीजल पर हर माह का खर्च 83 लाख रुपये के आसपास बनता था। उनका तबादला होने के बाद अब 40 लाख रुपये ही खर्च हो रहा है। इससे साफ है कि इसमें घपला हुआ है। पत्रकार वार्ता में उनके साथ कॉरपोरेटर ज्योति देवी, रेखा मन्हास आदि मौजूद थे। अब सीबीआइ के इस छापे को इन्हीं आरोपों से जोड़कर देखा जा रहा है।