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जम्मू में सेहत से हो रहा खिलवाड़, मोमो के साथ परोसा जा रहा कैंसर

एमएलसी रमेश अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने मोमो में प्रतिबंधित अजीनोमोटो के इस्तेमाल के बारे में फूड सेफ्टी कमिश्नर को अवगत करवाया था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 11:41 AM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 11:43 AM (IST)
जम्मू में सेहत से हो रहा खिलवाड़, मोमो के साथ परोसा जा रहा कैंसर
जम्मू में सेहत से हो रहा खिलवाड़, मोमो के साथ परोसा जा रहा कैंसर

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू संभाग में युवा और बच्चे चाइनीज फूड के आदी होते जा रहे हैं। हालांकि चाइनीज फूड सही तरीके से बने हों तो यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह नहीं होते हैं, लेकिन बाजारों में बिक रहे मोमो व अन्य चाइनीज फूड सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं क्योंकि इन्हें बनाते समय प्रतिबंधित अजीनोमोटो का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है।

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शनिवार को गोरखा नगर में फूड सेफ्टी विभाग ने छापा मारा तो अजीनोमोटो के पैकेट मिले थे। जम्मू संभाग में मोमो व अन्य चाइनीज फूड बनाने वालों की संख्या हजारों में है। सिर्फ जम्मू शहर में करीब एक हजार लोग मोमो बेचते हैं। इसके अलावा न्यूडल्स बेचने वालों की संख्या भी अधिक है। हालांकि सभी दुकानदार अजीनोमोटो का इस्तेमाल नहीं करते हैं, लेकिन कइयों के इस्तेमाल करने की शिकायतें मिलती रहती हैं। गोरखा नगर में सबसे अधिक लोग मोमो बनाते हैं। यहां पर अधिकांश लोग अपने घरों की रसोइयों में ही मोमो बनाते हैं, लेकिन कई दुकानदार सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं। इसमें प्रतिबंधित सामान इस्तेमाल होता है। ताजा व अच्छी सब्जियों का इस्तेमाल नहीं होता है। इससे मोमो खाने वाले कई बच्चे बीमार हो जाते हैं। उनमें पेट की बीमारियां व इंफेक्शन के मामले अधिक देखने को मिलते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि अजीनोमोटो के इस्तेमाल से कई प्रकार की बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है। फूड सेफ्टी कमिश्नर विनोद शर्मा ने सभी मोमो बेचने वालों को स्वच्छता का ध्यान देने और अच्छी सब्जियों का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए।

मोमो बनाने में साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता

फूड सेफ्टी अधिकारियों की टीम शनिवार को जम्मू शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य पदार्थो का निरीक्षण करने पहुंची। इस दौरान टीम यह देख कर दंग रह गई कि लोग घरों में ही मोमो बना रहे हैं और सफाई व्यवस्था का कोई ध्यान नहीं रखा गया था। मोमो बनाकर जिस जगह रखे जा रहे थे, वहां एक बेड पर ही चादर बिछा कर रखी हुई थी। सब्जियां काट कर फर्श पर ही चादर में रखी हुई थी। टीन की छत थी। वहां पर पंखा तक नहीं लगा था। गर्मी के मौसम में यह सामान खराब होने की आशंका बनी हुई थी। यह वे मोमो थे, जो शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बिकते हैं और लोग बहुत ही चाव से खाते हैं। सैंपल भी भरकर लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजे गए, लेकिन इस निरीक्षण ने यह सवाल भी खड़े कर दिए कि बाजार में किस प्रकार का सामान बिक रहा है। अभी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही है। आने वाले दिनों में इसमें बढ़ोतरी होगी। अगर इसी तरह मोमो व अन्य सामान बनता रहा तो लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।

अजीनोमोटो के अधिक सेवन से कैंसर होने की रहती है आशंका

कैंसर विशेषज्ञ डॉ. दीपक अबरोल का कहना है कि अजीनोमोटो अगर मोमो या फिर अन्य किसी चाइनीज फूड में डाला जाता है तो यह सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक है। यह चीजें अधिकांश बच्चे ही खाते हैं। इसके अधिक सेवन से कैंसर तक हो सकता है। यही नहीं पेट दर्द, याददाश्त में कमी, मोटापा व माइग्रेन सहित कई बीमारियां हो सकती हैं।

मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान जारी रहेगा

असिस्टेंट कमिश्नर फूड डॉ. परवेश कुमार का कहना है कि मिलावट के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। मोमो बनाने वालों को जागरूक भी किया जा रहा है ताकि वे लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ न कर सकें।

सड़ी सब्जी व टमाटरों के इस्तेमाल से भी बच्चे हो रहे बीमार

एमएलसी रमेश अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने मोमो में प्रतिबंधित अजीनोमोटो के इस्तेमाल के बारे में फूड सेफ्टी कमिश्नर को अवगत करवाया था। कई दुकानदार सड़ी हुई सब्जी व टमाटरों का इस्तेमाल करते हैं। इससे भी बच्चे बीमार हो रहे हैं। वह इसके खिलाफ अभियान चलाए हुए हैं।

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