हिल काउंसिल चुनाव के लिए लेह के बर्फीले व दुर्गम इलाकों में पहुंचे लोकतंत्र के प्रहरी
भाजपा ने वर्ष 2015 में शानदार प्रदर्शन कर कांग्रेस को करारी मात दी थी। उसने 26 में से 18 सीटें जीतकर पहली बार अपनी काउंसिल बनाई थी।
विवेक सिंह, जम्मू :
बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख के लेह जिले के दुर्गम इलाकों में शून्य से 25 डिग्री कम तापमान में खून जमा देने वाली ठंड के बीच लोकतंत्र के प्रहरियों ने डेरा जमा लिया है। वीरवार, 22 अक्टूबर को लेह हिल काउंसिल के लिए होने जा रहे मतदान से दो दिन पहले मंगलवार को दो पोलिग पार्टियां वायुसेना के हेलीकॉप्टर से चांगथांग के ऐसे दो मतदान केंद्रों पर पहुंच गई, जहां सड़क मार्ग से पहुंचना संभव नहीं है। वहीं, 14 अन्य पोलिग पार्टियां इलेक्ट्रानिक वोटिग मशीने लेकर पूरा दिन सड़क से सफर कर रात को चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चांगथांग के साथ नोब्रा व स्कूमारखा इलाके में मतदान केंद्रों के करीब पहुंचीं। नोब्रा व चांगथांग के पांच-पांच व स्कूमारखा के चार मतदान केंद्रों पर सुरक्षाकर्मी भी मुस्तैद हो गए हैं।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले में छठी हिल काउंसिल के गठन के लिए मंगलवार शाम के चार बजते ही प्रचार खत्म हो गया। अब करीब नब्बे हजार लद्दाखी 22 अक्टूबर को काउंसिल की 26 सीटों के लिए मैदान में उतरे 94 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। परिणाम 26 अक्टूबर को आएगा। बुधवार को नेता केवल डोर-टू-डोर प्रचार कर वोट मांगेंगे।
मंगलवार सुबह दूरदराज इलाकों में जा रही पोलिग पार्टियों को जिला मुख्यालय से चुनाव सामग्री दे दी गई। वहीं 278 पोलिग पार्टियां चुनाव से एक दिन पहले बुधवार को अपने मतदान केंद्रों में डेरा डालेंगी। सुबह लेह के तकनीकी एयरपोर्ट से पोलिंग पार्टियों को वायुसेना के एमआइ 17 हेलीकॉप्टर से भेजते समय लेह के डिप्टी कमिश्नर व हिल काउंसिल के चुनाव प्रभारी सचिन कुमार व एएसपी ओम प्रकाश पांडे भी मौजूद रहे। लेह के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर सोनम चोसजोर ने बताया कि चुनाव के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। लेह के गैक व नोब्रा के वाशी मतदान केंद्रों में मतदाताओं की संख्या दस से भी कम है। वहीं, श्यनाम मतदान केंद्र में 1300 से अधिक मतदाता हैं। लेह हिल काउंसिल के गठन के लिए पहली बार लेह के निवासी इलेक्ट्रानिक वोटिग मशीनों का इस्तेमाल करने जा रहे हैं।
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माइनस 25 डिग्री तापमान में देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र में पड़ेंगे वोट :
लेह में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे चांगथांग के अनले फो इलाके में 15 हजार फीट की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र बनाया गया है। यहां पोलिग स्टाफ हेलीकॉप्टर से पहुंचा। यहां वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या करीब 80 है। इस मतदान केंद्र में मतदाता शून्य से 25 डिग्री कम तामपान में कुछ किलोमीटर पैदल चलकर वोट डालने के लिए आएंगे। भाजपा-कांग्रेस में मुख्य मुकाबला, आप भी मैदान में :
इस बार मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच है। दोनों पार्टियों ने सभी सीटों पर 26-26 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। वहीं पहली बार लद्दाख में चुनाव लड़ रही आम आमदी पार्टी ने 19 उम्मीदवार खड़े किए हैं। भाजपा लगातार दूसरी बार जीतने का लक्ष्य लेकर मैदान में है। भाजपा ने वर्ष 2015 में शानदार प्रदर्शन कर कांग्रेस को करारी मात दी थी। उसने 26 में से 18 सीटें जीतकर पहली बार अपनी काउंसिल बनाई थी। जीत बरकरार रखने के लिए भाजपा ने पहली बार लेह में बड़े पैमाने पर अपने स्टार प्रचारक लाए। इनमें वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, खेल राज्यमंत्री किरण रिजिजू, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री व सांसद अरुण सिंह शामिल रहे। इन दौरों का उद्देश्य मोदी सरकार के तेज विकास को लोगों के बीच ले जाना था। विकास व क्षेत्र की विशिष्ट पहचान बना मुख्य मुद्दा :
लेह हिल काउंसिल के चुनाव में जिले का तेज विकास अहम मुद्दा है। इसके साथ लद्दाख में संविधान के छठे शेडयूल को प्रभावी बनाकर क्षेत्र की विशिष्ट पहचान बरकरार रखना दूसरा बड़ा मुद्दा है। विकास की कमान संभालती है लेह हिल कांउसिल :
लेह हिल काउंसिल में चुने हुए 26 काउंसलर के साथ चार मनोनीत काउंसलर भी होते हैं। काउंसिल पंचायतों के साथ मिलकर आर्थिक विकास, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, भूमि सुधारों, राजस्व व स्थानीय शासन को बेहतर बनाती है। बेहद अहम हैं चुनाव :
केंद्र सरकार चीन का सामना करने के लिए लद्दाख को सशक्त बना रही है। मौजूदा समय में लद्दाख में कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। केंद्र सरकार चाहती है कि लद्दाख के तेज विकास की चमक केवल देश में ही नहीं, एलएसी के पार चीन तक भी जाए।
एक हजार बुजुर्गो समेत तीन हजार लोग डाल चुके हैं वोट :
लेह हिल काउंसिल के लिए अब तक करीब एक हजार बुजुर्गो समेत तीन हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं। मतदान से कोई न छूटे, इस मुहिम के तहत लेह जिला प्रशासन की पोलिग पार्टियां ऐसे बुर्जगों के घर पहुंचीं जो मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंच सकते थे। लेह के नोब्रा इलाके के स्कूरू गांव में मतदान से पहले 104 साल की अबी सीरिग कुंजस ने बैलेट पेपर से मताधिकार का इस्तेमाल कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया। वहीं 294 मतदान केंद्रों में चुनाव करवाने की जिम्मेदारी संभाल रहे लेह के कर्मचारियों ने भी मतदान से पहले वोट डाला।