Move to Jagran APP

कैग ने जेके मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन द्वारा समय पर दवाइयां व उपकरण न खरीदने पर लगाई फटकार

कैग ने जेके मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन बनाने के मकसद पर खड़े किए सवाल रकम मिलने पर भी तीन साल नहीं चली 102 एंबुलेंस सर्जरी के धागे की खरीद के लिए एक कंपनी को लाभ देने पर भी घेरा

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 09:37 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 09:37 AM (IST)
कैग ने जेके मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन द्वारा समय पर दवाइयां व उपकरण न खरीदने पर लगाई फटकार
तीन साल तक 102 एंबुलेंस सेवा बंद

जम्मू, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में तीन साल तक 102 एंबुलेंस सेवा बंद रही, जबकि इसके लिए 3.18 करोड़ रुपये दे दिए गए थे। यही नहीं, सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले धागे की खरीद के लिए एक कंपनी को लाभ पहुंचाया गया। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने जेके मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन द्वारा समय पर दवाइयां व उपकरण न खरीदने पर भी कड़ी फटकार लगाई है। कैग की वर्ष 2017-18 की आडिट रिपोर्ट में कारपोरेशन को बनाने के मकसद पर ही सवालिया निशान लगा दिया है।

loksabha election banner

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि जेके मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन ने दवाइयां, उपकरण व अन्य सामान को खरीदने में देरी की। उसने ठेका दर को ही समय पर अंतिम रूप नहीं दिया। यह कारपोरेशन बनाने के मकसद पर ही सवाल खड़ा करता है। यहां तक कि सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले धागे को खरीदने के लिए एक कंपनी को लाभ दिया गया। इसके लिए सात कंपनियों को नजरअंदाज कर आठवीं कंपनी को खरीदारी का आदेश दे दिया गया। 25.48 करोड़ रुपयों के इस आदेश में 7.92 करोड़ का नुकसान हुआ है। यहां तक कि 3.18 करोड़ रुपये जारी किए जाने के बाद भी 102 एंबुलेंस सेवा तीन साल तक बंद रही।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत मेडिकल कॉलेज जम्मू को अपग्रेड करने का कोई लाभ नहीं हुआ। सभी सुपर स्पेशलिस्ट विभाग आज तक स्थापित नहीं हो सके। कई सुविधाएं आज भी शुरू नहीं हो पाई हैं। दो मेडिकल कॉलेजों के लिए 592 उपकरण खरीदे गए, लेकिन इनमें से 336 उपकरण मिले ही नहीं या खराब थे या फिर बाढ़ में बह गए।

प्रशिक्षित डॉक्टरों की कमी

कैग ने यह भी कहा है कि सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में प्रशिक्षित डॉक्टरों, पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ की कमी बनी हुई है। इसी तरह हारवान श्रीनगर में इंटीग्रेटेड आयुष अस्पताल और वेलनेस सेंटर स्थापित करने से पहले लावडा से इजाजत न लेने पर भी कैग ने आपत्ति जताई है। इससे तीन करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। स्वास्थ्य विभाग पर नर्सिग होम के लाइसेंस रिन्यू न करने पर भी फटकार लगाई है कहा कहा कि इससे 44 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.