जम्मू की दो सीटों पर बसपा बिगाड़ सकती दिग्गजों का गणित
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अवधेश चौहान, जम्मू
जम्मू संभाग की दो लोकसभा सीट (जम्मू पुंछ और ऊधमपुर-डोडा) पर अनुसूचित जाति-जनजाति के मतदाता चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं। इस बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। जम्मू-पुंछ से बद्रीनाथ और ऊधमपुर-डोडा से तिलक राज भगत मैदान में हैं। बसपा उम्मीदवारों के पहली बार चुनावी मैदान में कूदने से अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर रहने वाले अनुसूचित जाति व जनजाति का वोट कट सकता है। इस बेल्ट में बसपा की पकड़ है। अनुसूचित जाति व जनजाति और पिछड़ी जाति का सर्वाधिक वोट आरएसपुरा, बिश्नाह, अरनिया, रामगढ़, सांबा, हीरानगर, कठुआ, ऊधमपुर, अखनूर के अलावा पुंछ और राजौरी जिलों में है, जो बसपा से जुड़ा हुआ है। जम्मू-पुंछ और ऊधमपुर-डोडा लोकसभा सीट में करीब साढ़े चार लाख मतदाता हैं। बसपा की कोशिश है कि इस वोट को एकजुट किया जा सके, लेकिन बसपा को सबसे बड़ा झटका हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्य सचिव बीआर कुंडल जो अनुसूचित जाति से हैं, नेशनल कांफ्रेंस में शामिल होने से लगा है। हालांकि, पहले उन्हें नेकां ने प्रत्याशी बनाया था, लेकिन बाद में कांग्रेस से समर्थन होने के बाद नेकां ने यह सीट छोड़ दी। कुंडल मूलत: आरएसपुरा के हैं। इस बेल्ट में अनुसूचित जाति का अच्छा-खासा वोट है। कुंडल के कांग्रेस से नेशनल कांफ्रेस में आने से बसपा का बंटने की संभावाना। बसपा की कोशिश होगी कि इस सीमांत बेल्ट पर अधिक से अधिक चुनाव प्रचार कर दलित कार्ड खेला जाए, क्योंकि पिछली सरकारों ने आरक्षण अधिनियम 2004 को संरक्षित रखने में नाकामी दिखाई। बसपा की कोशिश होगी कि इस मुद्दे को भुनाया जाए।
इससे पहले विजयपुर विधानसभा में वर्ष 2002 में बसपा की सीट पर मंजीत सिंह चुनाव जीते थे, लेकिन बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। और इस बेल्ट में अनुसूचित व जनजाति का अच्छा खासा वोट है। वर्ष 2014 में विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा की लहर के बीच बसपा के उम्मीदवार सोम राज मजोत्रा मात्र 900 मात्र वोट से हारे थे। उन्हें 29 हजार से अधिक वोट मिले थे। वह भाजपा के उम्मीदवार राजीव जसरोटिया से हारे थे। बसपा ऐसी पार्टी जिसमें कभी भी राज्य में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारे। इस बार सोम राज मजोत्रा को ऊधमपुर-डोडा सीट पर उतरे हैं। बसपा ने वर्ष 1996 में लोकसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस से सशर्त गठजोड़ किया था जिसमें नेकां ने बसपा को विधान परिषद में दो सीटें देने का वादा किया था लेकिन नेकां ने भी उन्हें जगह नहीं दी थी। वर्ष 1996 में बसपा ने विधानसभा चुनावों में 4 सीटे जीत कर इतिहास रचा था। भद्रवाह से शेख अब्दुल रहमान, सांबा से सोमनाथ, कठुआ से सागर चंद, और आरएसपुरा से राम चंद भगत ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2014 जम्मू पुंछ लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच बसपा के अशोक भगत ने 31 हजार वोट लेकर अपनी पकड़ का एहसास करवाया था। बसपा के कई दिग्गज नेता जिसमें बसपा सुप्रीमों मायावती के भांजा आकाश दीप, सिटिग सांसद राजाराम समेत अन्य नेता पार्टी नेता चुनाव प्रचार के लिए आ आ रहे हैं। बसपा के जम्मू कश्मीर के कोआर्डीनेटर राजा राम चुनावी समीकरण तय करने में लगे हुए है। ऊधमपुर-डोडा सीट के अंतर्गत आने वाले इलाकों में मुस्लिम वोट है जिस पर बसपा की कोशिश होगी कि इस वोट को भी किसी तरह भुनाया जा सके, क्योंकि बसपा से मुस्लिम वोट जुड़ा है।
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बाक्स
बार्डर बेल्ट के इन किसानों की प्रमुख मांगे - फसलों का मुआवजा, प्राकृतिक आपदा, बारिश, बाढ़, फसलों के जल जाने से नुकसान का मुआवजा नहीं मिलता। जम्मू-कश्मीर में मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने का भी मुद्दा है। यहां मंडल कमीशन का दो प्रतिशत आरक्षण लाभ मिल रहा है। किसान फसल बीमा योजना और गोलाबारी के दौरान माल-मवेशियों को होने वाले नुकसान की भरपाई, गोलाबारी से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर पांच मरले का प्लाट जैसी मांगों को उठा रहे हैं।