Jammu Kashmir: डीएसपी देविंदर सिंह को दबोचने वाले डीआइजी समेत 81 पुलिसकर्मियों को बहादुरी पुरस्कार
एसएसपी जुल्फिकार आजाद को इस बार चौथी बार पुलिस वीरता पदक मिला है। उन्हेंं यह पदक जिला बांडीपोर के शोकबाबा इलाके में लश्कर के पांच खूंखार विदेशी आतंकियों को मार गिराने के लिए मिला।
जम्मू, जागरण संवाददाता: पुलिस और आतंकी गठजोड़ का भंडाफोड़ कर जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह को दबोचने वाले पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआइजी) अतुल गोयल समेत 81 पुलिसकर्मियों को केंद्र सरकार बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित करेगी। देश में सबसे अधिक जम्मू कश्मीर के पुलिसकर्मियों को बहादुरी पुरस्कार से नवाजा जा रहा है। इसके अलावा उत्कृष्ट और सराहनीय कार्य के लिए 12 अन्य कर्मचारियों को भी सम्मानित किया जाएगा। सीआरपीएफ के 55 जवानों को भी बहादुरी पुरस्कार मिले हैं।
इस साल 11 जनवरी को खुफिया सूचना के आधार पर उप महानिरीक्षक अतुल गोयल ने हाईवे पर नाका लगाकर देविंदर सिंह और दो कुख्यात आतंकियों को एक ओवरग्राउंड वर्कर के साथ गिरफ्तार किया था। यह आतंकी वादी से निकलने का प्रयास कर रहे थे। बाद में इस मामले की जांच एनआइए को सौंप दी गई और जांच एजेंसी इस पर पहले ही चार्जशीट भी दायर कर चुकी है।
एसएसपी जुल्फिकार को चौथी बार पुलिस वीरता पदक : एसएसपी जुल्फिकार आजाद को इस बार चौथी बार पुलिस वीरता पदक मिला है। उन्हेंं यह पदक जिला बांडीपोर के शोकबाबा इलाके में लश्कर के पांच खूंखार विदेशी आतंकियों को मार गिराने के लिए मिला है। वहीं स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के एसपी ताहिर अशरफ भट्टी को भी आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए बहादुरी पुरस्कार से नवाजा गया है। पुंछ निवासी भट्टी लगातार आतंकवाद के खिलाफ अभियान में सक्रिय रहते हैं। एसएसपी अनंतनाग संदीप चौधरी और एसएसपी अवंतीपोर ताहिर सलीम खान को भी पुलिस वीरता पदक मिला है। ताहिर सलीम खान ने ही हिजबुल मुजाहिदीन के ऑपरेशन कमांडर रियाज नाइकू को मार गिराने में अहम भूमिका निभाई है। नाइकू इसी साल मई में अपने गांव बेगीपोरा अवंतीपोर में मारा गया था। ताहिर सलीम के नेतृत्व में सुरक्षाबलों ने अवंतीपोर और त्राल में बीते 10 महीनों में करीब 35 आतकियों को मार गिराया है। इनमें उमर फैयाज उर्फ हमाद खान के अलावा जैश कमांडर कारी यासिर भी शामिल है।
डीएसपी आशिक को तीसरी बार पदक : बांडीपोर में तैनात डीएसपी आशिक हुसैन टाक एक बार फिर पुलिस वीरता पदक से नवाजे गए हैं। उन्हेंं यह पदक तीसरी बार प्रदान किया गया है। आतंकरोधी अभियानों में कुशल समझे जाने वाले आशिक हुसैन सोपोर, कुलगाम, शोपियां में भी अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके हैं। उन्होंने कई नामी विदेशी आतंकियों के सफाए में अहम भूमिका निभाई है।
एजाज रसूल गनई को राष्ट्रपति पुलिस मेडल : इस बार सुरक्षाबलों ने आतंकियों पर हमले तेज रखे और कई बड़े आतंकी मार गिराए गए। इन अभियानों में जम्मू कश्मीर पुलिस मुख्य भूमिका में रही है। उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस मेडल पाने वाले एजाज रसूल गनई जम्मू-कश्मीर पुलिस के इकलौते अधिकारी हैं। वह पुलिस की स्पेशल स्ट्राइकिंग ग्रुप में अतिरिक्त निदेशक तकनीक के पद पर तैनात हैं।