सरकारी स्कूलों में बने बंकरों की हालत खस्ता
संवाद सहयोगी खौड़ एक तरफ बॉर्डर पर हाई अलर्ट है और देश में अफरा-तफरी मची हुई
संवाद सहयोगी, खौड़ : एक तरफ बॉर्डर पर हाई अलर्ट है और देश में अफरा-तफरी मची हुई है। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों में दहशत का माहौल है कि अगर भारत-पाकिस्तान में युद्ध हो जाता है तो वे अपनी जान बचा कर कहां जाएं। उनका कहना है कि पाकिस्तानी रेंजरों ने अपने बॉर्डर के किनारे बसे गांवों को खाली करवा लिए हैं, मगर हम कहां जाएं। जो बंकर हमारी सुरक्षा के लिए बनाए गए थे, उनकी तो खस्ता हालत है। अगर पाक रेंजर गोलाबारी करते हैं तो हम तो बंकर में भी नहीं रह सकते, क्योंकि बंकर की हालत खस्ता है।
गांव के स्थानीय लोगों ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र बट्टल व जोगवां के लोगों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में बंकर बनाए गए, ताकि पाकिस्तान की ओर से फाय¨रग हो तो हम उन बंकरों में जाकर अपनी जान बचा सकें और स्कूल के बच्चे भी, मगर बंकर जब बनाए गए तो उन्हें ठीक से नहीं बनाया गया। जब बरसात होती है तो उन बंकरों में बारिश का पानी जमा हो जाता है, जिसकी निकासी न होने के कारण पानी हफ्तों तक बंकरों में ही जमा रहता है। ग्रामीणों में यह भी रोष है कि केंद्र सरकार सीमावर्ती क्षेत्र में नए बंकर तो बना रही है, लेकिन जो बंकर स्कूलों में बनाए गए हैं उनकी सुध नहीं ले रही है। सरकार उन बंकरों को ठीक कराए, ताकि जब स्कूल के समय में गोलाबारी हो तो स्कूली बच्चे उन बंकर में सुरक्षित रह सकें। जैसे ही शनिवार को ज्यौड़ियां बाजार में भारतीय सेना का काफिला निकला और भारतीय सेना की गाड़ियों के पीछे तोपें थीं तो बाजार में दहशत का माहौल हो गया और बाजार में यही चर्चा थी कि लड़ाई लगने वाली है या नहीं।