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जम्मू की संस्कृति से रूबरू करवाती है शाकिर की पुस्तक

जागरण संवाददाता, जम्मू : केके शाकिर की पुस्तक 'जम्मू कुछ विभूतियां एवं सांस्कृतिक परिदृष्य'

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 10:00 AM (IST)
जम्मू की संस्कृति से रूबरू करवाती है शाकिर की पुस्तक
जम्मू की संस्कृति से रूबरू करवाती है शाकिर की पुस्तक

जागरण संवाददाता, जम्मू : केके शाकिर की पुस्तक 'जम्मू कुछ विभूतियां एवं सांस्कृतिक परिदृष्य' का केएल सहगल हाल में आयोजित कार्यक्रम में विमोचन किय गया। पुस्तक का विमोचन मुख्य अतिथि पूर्व उपमुख्यमंत्री क¨वद्र गुप्ता ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सचिव डॉ. अजीज हाजिनी ने की। सोहेल काजमी प्रतिष्ठित अतिथि थे। रोहित चौधरी, सचिन गुप्ता विशेष अतिथि थे।

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इतिहास, राजनीति विज्ञान उर्दू के स्नातकोत्तर केके शकीर 82 वर्ष के अनुभवी साहित्यकार हैं। ¨हदी, उर्दू, पंजाबी डोगरी के साहित्यकार हैं। उनकी अब तक 14 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वह प्रधानमंत्री पदक से सम्मानित हैं। उन्हें यह सम्मान 1969 में मिला था। राज्य सरकार भी सम्मानित कर चुकी है। वर्ष 1990 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ शिक्षक सम्मान मिला। वर्ष 2015 में उन्हें केंद्रीय ¨हदी निदेशालय की ओर से सम्मानित किया गया।

स्वागत भाषण में एनडीएस के संयोजक कैप्टन ललित ने केके शाकिर की साहित्यिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लेखक, कवि और कलाकार समाज के दर्पण हैं, जो समाज की ताकत और कमजोरियों को उनके भाव के माध्यम से प्रदर्शित करते हैं। क¨वद्र गुप्ता ने कहा कि समाज के अपने लेखकों और कलाकारों का सम्मान करने, उनके रचनात्मक प्रयासों का मूल्यांकन करने और विकसित और जीवंत समाज के लिए रणनीति तैयार करने का कर्तव्य है।

सोहेल का•ामी ने कहा कि साहित्य, कला और संस्कृति हमें अच्छे इंसान बनाते हैं और हमारे व्यक्तित्व को तर्कसंगत बनाते हैं। सचिन शर्मा ने केके शाकिर की साहित्यिक यात्रा और उनके कार्यो की सराहना की। रोहित चौधरी ने कहा कि यदि एक शिक्षक एक लेखक और कलाकार भी है तो वह समाज के लिए एक डबल संपत्ति है और केके शाकिर के मामले में यह सच है। नमीं डोगरी संस्थान के अध्यक्ष डोगरा हरीश कैला ने कहा कि केके शाकिर की पुस्तक हमारी युवा पीढ़ी के लिए साहित्य और प्रेरक है। संगठित सचिव नमीं डोगरी संस्था डॉ. चंचल शर्मा ने शाकिर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।


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