कबायली हमले के विरोध में मनाया काला दिवस
जागरण संवाददाता, जम्मू : पाकिस्तानी कबायलियों द्वारा वर्ष 1947 में आज ही के दिन मुजफ्फराबाद पर कि
जागरण संवाददाता, जम्मू : पाकिस्तानी कबायलियों द्वारा वर्ष 1947 में आज ही के दिन मुजफ्फराबाद पर किए गए हमले के विरोध में गुलाम कश्मीर के विस्थापितों ने रविवार को काला दिवस मनाया। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। वहीं, विस्थापितों ने अपनी मांगों को उजागर किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि 70 साल बाद भी सरकार गुलाम कश्मीर को खाली नहीं करा पाई है और न ही विस्थापितों को इंसाफ मिल पाया है।
गुलाम कश्मीर के विस्थापितों की संस्था एसओएस इंटरनेशनल के चेयरमैन राजीव चुनी ने कहा कि अब सरकार इतिहास बदलने का प्रयास कर रही है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। वर्ष 1947 में कबायली हमले को नाकाम बनाया जा सकता था क्योंकि लोगों ने इस तरह के हमले होने की आशंका से महाराजा और उनके प्रशासन को जानकारी दी थी। मगर इसको अनसुना कर दिया गया।
राजीव चुनी ने कहा कि विस्थापितों ने जम्मू-कश्मीर को बचाने का काम किया है, जिसका कर्ज कोई सरकार नही चुका सकती। मगर विस्थापितों को कुछ मान तो मिले। आज हालत यह है कि सरकार विस्थापितों को उसका हक ही नहीं देना चाहती। महज 5.5 लाख रुपये मुआवजे की किश्त देने से बात नहीं बनेगी। बाकी मुआवजा विस्थापितों को कब मिलेगा, इसकी जानकारी दी जाए। राजीव चुनी ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि विस्थापितों के बच्चों को प्रोफेशनल कॉलेजों में प्रवेश का कोटा दिया जाएगा। वहीं, युवाओं के लिए 8500 नौकरियां निकाली जाएंगी। मगर आज इनका जिक्र ही नही हो रहा।
इस मौके पर जीएस मंगल ने विस्थापितों से कहा कि सरकार ने कश्मीरी पंडितों को तो सब कुछ दिया मगर विस्थापितों की अनदेखी की। जबकि इन विस्थापितों ने 1947 का कठिन दौर का सामना किया है। अपने घर संपत्ति गुलाम कश्मीर में छोड़ कर यह लोग यहां आए, लेकिन आज तक नहीं बस सके। मौके पर एनएन शर्मा ने भी अपने विचार रखे।