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बीडीसी चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवार तय, दिल्ली की मुहर लगने के बाद आज जारी हो सकती है सूची

राज्य में ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) के चुनाव में कांग्रेस भाग लेगी। यह फैसला प्रदेश कांग्रेस प्रधान जीए मीर की अध्यक्षता में पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में लिया गया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 11:33 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 11:33 AM (IST)
बीडीसी चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवार तय, दिल्ली की मुहर लगने के बाद आज जारी हो सकती है सूची

जम्मू, राज्य ब्यूरो। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) चुनाव के चेयरमैन पद के लिए अपने उम्मीदवार तय कर लिए हैं। पार्टी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा शनिवार को होगी। प्रदेश भाजपा जम्मू कश्मीर के सभी 310 ब्लॉकों में चेयरमैन के पद के लिए अपने उम्मीदवार उतार रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार शनिवार को उम्मीदवारों की सूची भाजपा हाईकमान की मुहर लगने के लिए दिल्ली भेजी जाएगी। इससे पहले सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक चंद ऐसे उम्मीदवार फाइनल हो जाएंगे जिनके पैनल चुनाव समिति के सामने नहीं आ पाए।

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पार्टी मुख्यालय में शुक्रवार दोपहर दो बजे से शुरू हुई प्रदेश भाजपा की चुनाव समिति की बैठक में जिला प्रभारियों द्वारा ब्लॉकों के लिए सौंपे गए 3-3 उम्मीदवारों के पैनल में से पार्टी उम्मीदवार फाइनल किए गए। यह प्रक्रिया शाम तक चली। नाम करते समय उम्मीदवारों को लेकर करवाए पार्टी के आतंरिक सर्वे को भी महत्व दिया गया। बीडीसी चुनाव 24 अक्टूबर को होंगे। इसके लिए नामांकन भरने के अंतिम तिथि 9 अक्टूबर है। भाजपा के उम्मीदवारों की घोषणा के साथ नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जोर पकड़ लेगी। प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री व सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह को छोड़कर चुनाव समिति के सभी सदस्य बैठक में मौजूद रहे। 

बीडीसी चुनाव में भाग लेगी कांग्रेस, प्रदेश कांग्रेस प्रधान जीए मीर की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया फैसला

राज्य में ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) के चुनाव में कांग्रेस भाग लेगी। यह फैसला प्रदेश कांग्रेस प्रधान जीए मीर की अध्यक्षता में पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में लिया गया। दिल्ली से पार्टी हाई कमान के साथ विचार विमर्श के बाद जम्मू लौटे मीर ने पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई। बैठक में बीडीसी चुनाव में भाग लेने की घोषणा करते हुए राज्य के मौजूदा हालात और अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। बाद में प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा ने चुनाव में भाग लेने के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तमाम मुश्किलों के बावजूद पार्टी राष्ट्रहित और लोकतंत्र की मजबूती के लिए बीडीसी चुनाव में भाग लेगी। गत दो महीने से विपक्ष के नेता नजरबंद थे या उन पर पाबंदियां लगाई गई थीं। हाल ही में जम्मू में उनके नेताओं की नजरबंदी समाप्त की गई है, लेकिन बयानबाजी को लेकर अभी भी कुछ पाबंदियां हैं।

पिछले दो महीनों के दौरान नजरबंदी के कारण कांग्रेस के नेता पंच-सरपंचों से कोई संपर्क नहीं कर पाए। इस दौरान भाजपा ने जोड़तोड़ की राजनीति की। अगर सरकार ने इस हालात में बीडीसी चुनाव करवाने का फैसला किया है तो फिर कश्मीर घाटी में शेष बचे 12052 सदस्यों के लिए चुनाव क्यों नहीं करवाए जा रहे? रविन्द्र शर्मा ने कहा कि पूर्व नेकां-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने भारतीय संविधान के 73वें संशोधन के प्रावधान को लागू किया था, लेकिन बाद में पूर्व पीडीपी-भाजपा सरकार ने पंचायती राज कानून को कमजोर करने की कोशिश की।

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर काफी विरोध किया, जिसके बाद तत्कालीन राज्यपाल एनएन वोहरा ने पंचायतों को कमजोर करने वाले प्रावधान को हटाया। पंचायत चुनाव में इस बार बड़ी संख्या में महिलाएं और आरक्षित वर्ग के नुमाइंदे चुनकर आए हैं। 24 अक्टूबर को होने वाले बीडीसी चुनाव भी 73वें संशोधन के मुताबिक नहीं हो रहे हैं, जिससे पंच-सरपंचों में रोष है। पंचायतों को काफी समय से धनराशि नहीं मिली है। चुनाव के लिए सर्वदलीय बैठक भी नहीं बुलाई गई और सरकार ने एकतरफा फैसला कर लिया।


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