कठुआ दुष्कर्म मामले में प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद हुई भाजपा की कार्रवाई
कठुआ की बच्ची की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के मामले के तूल पकड़ने के बाद भाजपा मंत्रियों से इस्तीफे लेने की कार्रवाई प्रधानमंत्री के सीधे हस्तक्षेप के बाद हुई।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। कठुआ के रसाना में आठ साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के मामले के तूल पकड़ने के बाद भाजपा मंत्रियों से इस्तीफे लेने की कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीधे हस्तक्षेप के बाद हुई।
पार्टी सूत्रों के अनुसार हाईकमान के फैसले के बाद आगे की कार्रवाई जम्मू कश्मीर में भाजपा व पीडीपी सरकार के समन्वयक व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने की। इस मामले में कार्रवाई करने के लिए देश में जन दबाव, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दबाव से कहीं अधिक कारगर रहा। पार्टी ने बिना समय गंवाए भाजपा के दो कैबिनेट मंत्रियों से इस्तीफा मांग लिया।
अब शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव आगे की कार्रवाई करने के लिए भाजपा विधायक दल के साथ जम्मू में बैठक करेंगे। दोपहर एक बजे के करीब यह बैठक उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह के आवास पर होगी। इन हालात में पार्टी ने कश्मीर दौरे पर गए भाजपा के संगठन महामंत्री अशोक कौल को भी शुक्रवार दोपहर जम्मू बुला लिया। कौल को शनिवार कारगिल के दौरे पर जाना था।
दूसरी ओर पीडीपी भी शनिवार दोपहर श्रीनगर में राज्य कार्यकारिणी की बैठक करेगी। भाजपा के दो मंत्रियों के इस्तीफे लिए जाने से पीडीपी के तेवर नरम हुए हैं।इसी बीच, भाजपा हाईकमान की कार्रवाई से जम्मू में भाजपा-पीडीपी के बीच रसाना कांड को लेकर गहरा रही दरार कम होने के आसार हैं। दोनों पार्टियां बच्ची से दुष्कर्म और उसकी निर्मम हत्या करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की पैरवी कर रही थी।
फर्क सिर्फ इतना था कि भाजपा अपने आधार क्षेत्र में हुए इस मामले में सीबीआइ जांच की मांग को समर्थन दे रही थी। पीडीपी इस पर अड़ी थी कि राज्य पुलिस की अपराध शाखा ही जांच करेगी। राज्य में मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग का जिम्मा है और पुलिस विभाग उनके अधीन है।रसाना प्रकरण में भाजपा शुरू से ही कहती आई कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन वहां पर लोगों को बेवजह परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी वीरवार को वही दोहराया जो भाजपा इस मामले में शुरू से कहती आ रही है। राम माधव ने कहा है कि रसाना जैसे अपराध अमानवीय हैं। उन्हें सांप्रदायिक रंग देने की कोशिशों का विरोध होना चाहिए, लेकिन किसी निर्दोष को तंग नहीं किया जाना चाहिए।
अलगाववादियों के उकसाने पर हो रही राजनीति
मंत्री पद से त्यागपत्र देने वाले चौधरी लाल सिंह ने कहा कि रसाना में बच्ची की हत्या के मामले का चालान भी पेश हो चुका है। अब इसका मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में अलगाववादियों के उकसाने पर राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बच्ची को इंसाफ मिले, हमने दोषियों का समर्थन नहीं किया।
पार्टी के कहने पर मैंने त्यागपत्र दे दिया है। अपने निवास पर दैनिक जागरण से बातचीत करते चौधरी लाल सिंह ने कहा कि डेढ़ महीना पहले जब रसाना से लोगों ने पलायन किया था उस समय पार्टी ने उन्हें, उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा समेत आठ कार्यकर्ताओं को भेजा था। पशु एवं भेड़ पालन मंत्री अब्दुल गनी कोहली को पीडि़त परिवार के घर भेजा गया।
लोगों ने बताया कि जांच सही नहीं हो रही है। मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। हमने अपनी रिपोर्ट पार्टी कार्यालय में दे दी। उसके बाद हम रसाना नहीं गए और न इस बारे कोई बयान दिया, न ही किसी को बचाने की कोशिश की। पीडि़त परिवार को इंसाफ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी हमें जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे हम निभाएंगे।