मौसम बदला तो मेहमानों को भाने लगा घराना वेटलैंड
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जागरण संवाददाता, जम्मू : आरएसपुरा क्षेत्र में भारत-पाक सीमा पर स्थित घराना वेटलैंड में प्रवासी पक्षियों ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। अभी तक छह प्रजातियों के पक्षी यहां पहुंच चुके हैं। इनके आने का क्रम नित्य बढ़ रहा है। यह सब मौसम में एकाएक आए बदलाव के कारण हुआ है।
दो दिन पहले हुई बारिश के बाद ठंडक बढ़ी है। इससे प्रवासी पक्षियों ने इस ओर रुख किया है। घराना पहुंचने वाले पक्षियों से सबसे ज्यादा संख्या टिकरी ( कामन कूट) की है। करीब तीन सौ टिकरी पक्षी इस समय घराना वेटलैंड की शोभा बढ़ा रहे हैं। दूसरी ओर जल मुर्गावी (कामन टील) की अच्छी संख्या यहां पर है। इसके अलावा तिद्दारि (नार्दर्न शावलर), ग्रे हेरान, पर्पल हेरान प्रजाति के पक्षी भी नजर आ रहे हैं।
पक्षी प्रेमियों का कहना है कि पक्षियों की जो रौनक अक्टूबर के मध्य रहती है, वह अभी शुरू हो गई है। जैसे-जैसे दिन गुजरते जाएंगे, पक्षियों की संख्या में भी बढ़ोतरी होती जाएगी। यहां मुख्य आकर्षण राजहंसों का होता है जो नवंबर के आखिर में यहां पहुंचते हैं। मौसम में बदलाव को देखते हुए माना जा रहा है कि इन पक्षियों का भी समय से पहले आगमन हो सकता है। बहरहाल, प्रवासी पक्षियों के आगमन से पक्षी प्रेमी, पर्यावरणविद् उत्साहित हैं और इन परिदों पर नजर रख रहे हैं।
उधर, पक्षियों के आने के क्रम को देखते हुए वन्यजीव संरक्षण विभाग भी सक्रिय हो गया है। घराना वेटलैंड के तालाब परिसर से अतिरिक्त जड़ी को हटवा दिया गया है। इससे पक्षियों के विचरण के लिए बेहतर वातावरण बना है। विभाग के रेंज आफिसर रिशीपाल ने बताया कि कर्मचारियों को वेटलैंड पर तैनात किया हुआ है। आने वाले प्रवासी पक्षियों पर पूरी नजर रखी जा रही है।
एशिया, यूरोप में पाया जाता है कॉमन कूट
कॉमन कूट पक्षी को आमतौर पर यूरेशियन कूट, जिसे आम कूट के नाम से भी जाना जाता है। यह रेल और क्रेक बर्ड परिवार का सदस्य है। यह यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के कुछ भागों में पाया जाता है।