बेनामी संपत्ति खरीदी या बेची तो 7 साल की सजा
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में छह बड़े फैसलों पर मुहर लगी। भ्रष्ट
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में छह बड़े फैसलों पर मुहर लगी। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए बेनामी संपत्ति के लेन-देन पर रोकथाम संबंधी बिल को मंजूरी दी गई। स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने के लिए न्यूक्लियर मेडिसीन विभाग खोलने और पुरमंडल के उत्तरवहिनी के सब सेंटर को अपग्रेड कर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र बनाने पर मुहर लगाई। इसके अलावा समय पर न्यायालय में मामलों का निपटारा हो सके इसके लिए कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर संशोधन बिल मंजूर किया गया। सर्व शिक्षा अभियान के तहत नियुक्त शिक्षकों को राज्य के नियमित स्केल कैडर में लाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया। पशु चिकित्सा सहायक सर्जनों के नव सृजित पदों पर चयन के लिए इंटरव्यू समाप्त करने का प्रस्ताव को मंजूर किया।
बेनामी संपत्ति : राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक काउंसिल की बैठक में बेनामी संपत्ति लेन देन पर रोकथाम संबंधी बिल को मंजूरी देने के बाद ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था बनेगा जिसमें अधिकारी ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई कर पाएंगे। नियुक्त अधिकारी ऐसी संपत्ति को अटैच या जब्त कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सकेंगे। अधिनियम के तहत ऐसे मामलों में दोषी पाए गए लोगों को एक से सात साल की सजा व संपत्ति की बाजार की कीमत के आधार पर 25 प्रतिशत जुर्माना करने की व्यवस्था होगी।
कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर संशोधन बिल : राज्य में कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर संशोधन बिल से न्यायालय में मामलों का समय सीमा के अंदर निपटारा संभव होगा। बिल संशोधन से यह तरीककार तय होगा जिससे न्यायालयों में सिविल केस निपटारा संभव होगा। इससे न्यायालय के मामले बेवजह नहीं लटकेंगे। याचिकाकर्ताओं का समय बचेगा। सर्व शिक्षा अभियान : सर्व शिक्षा अभियान के तहत नियुक्त रहबर-ए-तालीम अध्यापकों को अब राज्य के नियमित स्केल कैडर में लाया जाएगा। परिषद की बैठक में कमेटी की कार्य योजना की सिफारिशें मान ली हैं। कमेटी का गठन 13 अगस्त 2018 को किया गया था। कमेटी से कहा गया था कि स्कूल शिक्षा विभाग में काम कर रहे अध्यापकों के मसलों के समाधान के लिए व्यापक कार्य योजना बनाई जाए। इसमें केंद्र प्रायोजित सर्व शिक्षा अभियान की योजना के तहत नियुक्त अध्यापकों के मसलों का हल निकालें। स्कूल शिक्षा विभाग को कई तरह के कैडर के अध्यापक होने के कारण परेशानी पेश आ रही थी। सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के अध्यापकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा था। प्रशासनिक काउंसिल ने कमेटी की तरफ से पेश की गई कार्य योजना को मंजूर कर लिया। अध्यापकों के लिए अलग कैडर बनाया जाएगा जिसका वेतनमान 29200-92300 होगा। सातवें वेतन आयोग के साथ वेतनमान एक सितंबर 2018 से दिया जाएगा। यह पद एक सौ प्रतिशत स्थायी हो चुके रहबर-ए-तालीम अध्यापकों से भरे जाएंगे। इसके लिए योग्यता ग्रेजुएशन होगी। अध्यापकों का यह अलग कैडर सिर्फ स्थायी हो चुके रहबर-ए-तालीम अध्यापकों के लिए होगा। इस फैसले को अमल में लाने के लिए स्कूल शिक्षा अधीनस्थ सर्विस भर्ती नियम 2008 में संशोधन किया जाएगा। कार्य योजना के अनुसार रमसा के तहत हेड मास्टरों के 526 और विषयों वाले संबधित मास्टरों के 3132 पदों को स्कूल शिक्षा विभाग के हेड मास्टरों और मास्टरों के पदों में मिला दिया जाएगा। विभिन्न श्रेणियों के सीधे कोटा के 4522 रिक्त पड़े नान टी¨चग के पदों को टी¨चग में तब्दील कर दिया जाएगा। 28363 अध्यापकों के अतिरिक्त पदों को सृजित करके तब तक भरा जाएगा जब तक रहबर-ए-तालीम अध्यापकों की स्थायी अध्यापकों के तौर पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है।
लेक्चररों के पद पर पदोन्नति दी जाए
स्कूल शिक्षा विभाग को एक समय के लिए यह छूट होगी कि योग्य पीजी अध्यापकों और मास्टरों को लेक्चररों के पद पर पदोन्नति दी जाए। लेक्चररों व अध्यापकों के जिन पदों को भरने के लिए सात दिसंबर 2018 तक स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन या स्टेट सर्विस सलेक्शन बोर्ड को रेफर किया गया है। उनके विज्ञापन नहीं निकाले गए हैं या लिखित परीक्षा नहीं ली या चयन प्रक्रिया नहीं शुरू की गई है, उनको वापस लिया जाता है।