Move to Jagran APP

20 साल पुराने नियम के तहत बना दिया बॉस्केटबॉल का कोर्ट

स्टेट स्पो‌र्ट्स काउंसिल के बेपरवाह रवैये के कारण शास्त्री नगर के डोगरा ग्राउंड में नवनिर्मित बॉस्केटबॉल के लिए बनाए गए सिंथेटिक कोर्ट पर खर्च लाखों रुपये बर्बाद हो गए। कोच या विशेषज्ञों की राय लिए बिना 20 साल पुराने नियम के तहत इसे तैयार कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 07:55 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 07:55 AM (IST)
20 साल पुराने नियम के तहत बना दिया बॉस्केटबॉल का कोर्ट
20 साल पुराने नियम के तहत बना दिया बॉस्केटबॉल का कोर्ट

विकास अबरोल, जम्मू

loksabha election banner

स्टेट स्पो‌र्ट्स काउंसिल के बेपरवाह रवैये के कारण शास्त्री नगर के डोगरा ग्राउंड में नवनिर्मित बॉस्केटबॉल के लिए बनाए गए सिंथेटिक कोर्ट पर खर्च लाखों रुपये बर्बाद हो गए। कोच या विशेषज्ञों की राय लिए बिना 20 साल पुराने नियम के तहत इसे तैयार कर दिया गया। इस कोर्ट पर कोई मुकाबला नहीं हो सकता है। अब सवाल उठता है कि इस कोर्ट के निर्माण में लाखों की बर्बादी के लिए जिम्मेदार कौन है? सचिव ने इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया कि बिना विशेषज्ञ की राय लिए बिना कोर्ट तैयार कैसे हो गया।

जम्मू-कश्मीर स्टेट स्पोटर्स काउंसिल की ओर से जिस ठेकेदार को कोर्ट बनाने का जिम्मा सौंपा गया, उसने आनन-फानन में बॉस्केटबॉल कोर्ट का निर्माण कर दिया। स्पो‌र्ट्स काउंसिल में बॉस्केटबॉल के दो कोच हैं, लेकिन न तो काउंसिल के अधिकारी और न ही ठेकेदार ने उनसे कोई राय लेना उचित समझा। नतीजा यह हुआ कि ग्राउंड में 20 वर्ष पुराने नियमों के तहत बॉस्केटबॉल कोर्ट तैयार कर दिया गया। इस पर खिलाड़ियों को अभ्यास करने का कोई फायदा नहीं होगा। नए नियमों के अनुसार आयताकार बॉस्केटबॉल के सिथेटिक कोर्ट के प्लेइंग फील्ड के चारों ओर दो-दो मीटर अतिरिक्त कोर्ट बनाया जाता है, जबकि यहां सिर्फ प्लेइंग एरिया जितना ही कोर्ट बनाया गया है। कोर्ट के चारों ओर पानी की निकासी के लिए नाली बनाना भी जरूरी है जो बनाई ही नहीं गई है। पोल की दूरी भी गड़बड़ और रिग लगा दिए उल्टा बेपरवाही की हद तो यह है कि बॉस्केटबॉल के पोल भी नियम के मुताबिक निर्धारित दूरी पर नहीं लगाए। इतना ही नहीं बॉस्केटबॉल के रिग भी उल्टे ही लगा दिए गए हैं। यहां खिलाड़ियों व अधिकारियों के बैठने के लिए कोई बंदोबस्त नहीं हैं और न ही वॉशरूम का निर्माण किया गया है। हालांकि अभी तैयार किया गया बॉस्केटबॉल कोर्ट खिलाड़ियों को समर्पित नहीं किया गया है, लेकिन अगर भविष्य में इसे बनाकर तैयार कर भी लिया जाता है तो नए नियमों के मुताबिक इन पर मुकाबले आयोजित नहीं हो सकेंगे। विशेषज्ञों ने स्पो‌र्ट्स काउंसिल की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल दो-तीन दिन पहले ही बॉस्केटबॉल खेल के कुछ जानकर विशेषज्ञों ने इस कोर्ट के निर्माण को लेकर स्पो‌र्ट्स काउंसिल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया। स्पो‌र्ट्स काउंसिल के एक पूर्व सदस्य ने काउंसिल के सचिव की भूमिका पर भी प्रश्नचिह्न लगाया था। उसके बाद सचिव ने इंजीनियरिग विग से जवाब भी तलब किया था। लेकिन सचिव ने गंभीरता दिखाई होती, तो ये अराजकता नहीं होती।

------------ काउंसिल के अधिकारियों पर गिर सकती है गाज खेल विभाग के सचिव सरमद हफीज सहित राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है। उन्हें बताया गया है कि कि स्पो‌र्ट्स काउंसिल खेलों के ढांचों को विकसित करने में तकनीकी विशेषज्ञों की राय नहीं ले रहा है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में काउंसिल के अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।

--------- सचिव का बेपरवाह जवाब अभी कोर्ट खिलाड़ियों के लिए बनकर तैयार नहीं हो गया है। अभी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोर्ट के पोल में लगाए गए रिग उल्टे हैं कि सीधे। खिलाड़ियों को पूरी तरह से बॉस्केटबॉल कोर्ट तैयार करने के बाद ही समर्पित किया जाएगा।

- डॉ. सलीम जावेद चौधरी, सचिव, स्टेट स्पो‌र्ट्स काउंसिल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.