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यहां होता है औरतों का सम्मान, करवाचौथ पर रखा गया है अवकाश

करवाचौथ पर शनिवार को जब सभी सरकारी व निजी कार्यालय रोजाना की तरह खुले रहे वहीं बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट से लेकर नीचली सभी अदालतों में कामकाज बंद रखा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 03:45 PM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 03:45 PM (IST)
यहां होता है औरतों का सम्मान, करवाचौथ पर रखा गया है अवकाश
यहां होता है औरतों का सम्मान, करवाचौथ पर रखा गया है अवकाश

जम्मू, जेएनएन। महिला सशक्तिकरण के दावे तो बहुत किए जाते हैं लेकिन जब उनके अधिकारों की बात होती है तो अकसर दावे हवाहवाई ही साबित होते हैं। लेकिन जम्मू में एक क्षेत्र ऐसा भी है जो महिलाओं के साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता है। यह कोई ओर नहीं जम्मू बार एसोसिएशन है जिसमें महिलाओं को बराबर के अधिकार दिए गए हैं। करवाचौथ पर शनिवार को जब सभी सरकारी व निजी कार्यालय रोजाना की तरह खुले रहे वहीं बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट से लेकर नीचली सभी अदालतों में कामकाज बंद रखा।

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कोर्ट के अलावा ट्रब्यूनल और किसी भी आयोग ने काम नहीं किया। इसका मकसद महिलाओं को करवाचौथ के दौरान छुट्टी देना था ताकि वे अपना व्रत बिना किसी बाधा के पूरा कर सकें। हार्इ कोर्ट बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव हिमांशु शर्मा का कहना है कि यह त्यौहार साल में एक बार ही आता है ऐसे में जब महिलाएं हर समय उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करती हैं तो ऐसे में उनका भी फर्ज बनता है कि वे महिला सदस्यों का सम्मान करें और उन्हें पूरा सहयोग दें। हाई कोर्ट जम्मू में ही इस समय पांच सौ से अधिक महिला एडवोकेट और जज हैं। इसके अलावा नीचली अदालतों में भी बड़ी संख्या में महिलाएं एडवोकेट और जज हैं। वे भी बार एसोसिएशन के इस फैसले से खुश हैं।

करवाचौथ पर भी दिया महिला कर्मचारियों ने धरना

पिछले दो महीनों से भी अधिक समय से वेतन की समस्या का स्थायी समाधान करने की मांग को लेकर धरने पर बैठी फीमेल मल्टीपर्पस हेल्थ वर्कर्स ने करवाचौथ पर भी अपना आंदोलन जारी रखा। व्रत की मर्यादा का पालन करते इन महिलाओं ने अपने हक की आवाज उठाते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस समय दो हजार से अधिक महिला कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं। उनका कहना है कि बार-बार वेतन की समस्या होने के कारण उनके लिए अपने परिवारों का पालन-पोषण करना कठिन है। वे दो दशकों से इस समस्या के समाधान के लिए मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक चक्कर लगा चुकी हैं। बावजूद इसके अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हुआ। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक उनका धरना जारी रहेगा।


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