Move to Jagran APP

जोधपुर में बावा जित्तो व जंग-ए-कश्मीर का किया मंचन

राजस्थान के जोधपुर में आयोजित राश्ट्रीय उत्सव में बाबा जित्तो और जंग-ए-कश्मीर नाटक का मंचन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 06:08 AM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 06:08 AM (IST)
जोधपुर में बावा जित्तो व जंग-ए-कश्मीर का किया मंचन
जोधपुर में बावा जित्तो व जंग-ए-कश्मीर का किया मंचन

संवाद सहयोगी, उधमपुर : भारत सरकार द्वारा राजस्थान के जोधपुर में आयोजित हुए राष्ट्रीय उत्सव में पल्तयाड़ नेहरू यूथ क्लब गढ़ी के कलाकारों ने दो नाटकों का शानदार मंचन किया। प्रथम प्रस्तुति डोगरी नाटक बावा जित्तो की हुई, जिसमें डुग्गर के लोक नायक बावा जित्तो की जीवनी को रंगमंच पर जीवंत किया गया।

loksabha election banner

दिखाया गया कि किस तरह जित्तो और उसकी बेटी गौरी पर कभी जित्तो की चाची जोजां जादू तंत्र कर डराती है तो कभी जोजां के सात बेटे उन्हें मारने की कोशिश करते हैं। जिससे तंग आकर जित्तो अपनी बेटी गौरी के साथ गांव छोड़कर दूसरे गांव गढ़ पंजोड़ में अपने मित्र रुलहो लौहार के घर चला जाता है। वहां भी वहां के जागीरदार मेहता वीर सिंह और उसके जालिम करींदे जित्तो पर अत्याचार करते हैं। लहलहाती गेहूं की फसल को देखकर जागीरदार बेइमान हो जाता है। सारी गेहूं लेने लगता है। तंग आकर बाबा जित्तो गेहूं के ढेर पर चढ़कर खुद को कटारा मारकर आत्महत्या कर लेते हैं। बेटी गौरी यह सदमा न सहते हुए जित्तो की जलती चिता में कूदकर जान दे देती है।

दूसरी प्रस्तुति में हिदी नाटक जंग-ए-कश्मीर की हुई। इसमें कश्मीर के मौजूदा हालात तथा सुरक्षाबलों के समक्ष आ रही चुनौतियों को दर्शाया गया है। बताया गया कि किस तरह विदेशी ताकतें कश्मीर युवाओं को गुमराह कर उन्हें आंतकवाद के रास्ते पर धकेल रहे हैं। उधर सुरक्षा बल विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए आंतकवाद पर काबू पाने में लगे हैं। नाटक में पुलवामा हमले के साथ-साथ यह भी दर्शाया गया कि आतंकियों से लोहा लेते समय सुरक्षा बल अपनी जान की परवाह किए बिना राज्य में अमन शांति बहाली के लिए अपने प्राण तक भी निछावर कर रहे हैं। शहीद के तिरंगे में लिपटे पाíथव शरीर के उनके घर पहुंचने पर परिवार वालों की वेदना तथा उनके सपने बिखरते भी दर्शाया गया। जिसे देख दर्शकों की आंखे नम हो गई। नाटक का प्रश्नचिह्न खड़ा कर गया है कि आखिरकार कब तक आंतकवाद का सिलसिला यूं ही चलता रहेगा?

दोनों नाटकों के निर्देशक सुदेश सुल्तानपुरी ने बताया कि जोधपुर के स्थानीय लोगों व अखबारों ने कलाकारों की बहुत सराहना की। नाटकों में अभिनय कर रहे अरुण, विजय बीरु, मनोहर, स्वर्णदीप, शीतु, नितिश, सपना, राहुल, नरेश, अंबिका, पल्लवी, प्रिया, आशिष, रोहित, अभिनव आदि ने ज मू-कश्मीर की और से भाग लिया और अपने पात्रों को बखूबी निभाया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.