Amarnath Yatra: बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा 23 जून से, 42 दिन की यात्रा 3 अगस्त को संपन्न होगी
बाबा अमरनाथ की साल 2020 की वार्षिक यात्रा 23 जून से शुरू की जाए। यात्रा 42 दिन चलेगी और रक्षाबंधन वाले दिन तीन अगस्त को संपन्न होगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। इस साल 42 दिन तक चलने वाली बाबा अमरनाथ यात्रा 23 जून से शुरू होगी। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह बाबा अमरनाथ की पहली वार्षिक यात्रा होगी। अमरनाथ यात्रा को शुरू करने का फैसला श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की शुक्रवार को हुई बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने की।
बैठक में फैसला लिया गया कि बाबा अमरनाथ की साल 2020 की वार्षिक यात्रा 23 जून से शुरू की जाए। यात्रा 42 दिन चलेगी और रक्षाबंधन वाले दिन तीन अगस्त को संपन्न होगी। यात्रा को सफल बनाने के लिए निर्धारित समय के भीतर ही प्रबंध करने के लिए कहा गया है। यात्रा का पंजीकरण भी मार्च में शुरु हो जाएगा। पिछले साल यह यात्रा 46 दिन तक चली थी, जो एक जुलाई से शुरु होकर यात्रा पंद्रह अगस्त तक चली थी। कश्मीर में सुरक्षा कारणों से यात्रा को एक अगस्त को रोक दिया गया था। उस समय पंद्रह दिन यात्रा स्थगित रही थी। छड़ी मुबारक ने पंद्रह अगस्त को दर्शन किए थे। यात्रा का एडवांस पंजीकरण एक अप्रैल से किया गया था।
यात्रा के पंजीकरण के लिए श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड की तरफ से प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि कश्मीर में बेहतर होते हालात और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद इस साल यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है। देश-विदेश से श्रद्धालु यात्रा पर आएं और उनकी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध हो इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। राष्ट्र विरोधी तत्व यात्रा को प्रभावित न करें, इसके लिए सुरक्षाबलों व एजेंसियों को कड़ी नजर रखने की पहले से ही हिदायत दे दी गई हैं।
बोर्ड बैठक में बताया गया कि पहले की ही तरह इस बार भी देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू कश्मीर बैंक और यस बैंक की शाखाओं से ही पंजीकरण होगा। यात्रा के दोनों रास्तों बालटाल और पहलगाम से 7500-7500 श्रद्धालुओं को रोजाना भेजने की व्यवस्था की जाएगी। यात्रा के लिए 13 साल से आयु से कम और 75 साल की आयु से अधिक के श्रद्धालु यात्रा नहीं कर सकते है। इसके लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बनाना जरूरी होगा। यात्रा के प्रबंध केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के प्रशासन और श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड की तरफ से किए जाते है।