शाम-ए-मौसिकी में कलाकारों ने जादू बिखेरा
जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित तीन दिवसीय साहित्य एवं सास्कृतिक मेले के दूसरे दिन भी अभिनव थियेटर कलाकारों से सराबोर रहा।
जम्मू, जागरण संवाददाता।जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित तीन दिवसीय साहित्य एवं सास्कृतिक मेले के दूसरे दिन भी अभिनव थियेटर कलाकारों से सराबोर रहा। मेले के दूसरे दिन यहां अकादमी परिसर में कश्मीरी लोक कलाकारों ने अपनी संस्कृति से लोगों को रूबरू करवाया तो वहीं अभिनव थियेटर के अंदर शाम-ए-मौसिकी कार्यक्रम में राज्य के जाने माने गायकों ने अपने फन से सबको अपना दीवाना बना दिया।
वीरवार सुबह से ही जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी के जम्मू स्थित कार्यालय में मेले का उत्साह देखते ही बन रहा था। एक तरफ लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों की तैयारी कर रहे थे तो दूसरी ओर उनकी कला के दीवाने बेसब्री से कार्यक्रम के शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। सबसे पहले कश्मीरी लोक कलाकारों ने अपनी संस्कृति से रूबरू करवाते गीत व नृत्य पेश किए जिसका लोगों ने खूब आनंद उठाया।
उधर शाम-ए-मौसिकी कार्यक्रम में दरमेश नरगोत्र, अनीता शर्मा, सुरेंद्र मन्हास, रमेश चंद्र, प्रवेज मलिक, बशीर मस्ताना, सुष्मिता बैनर्जी, स्वांग दोरजे, तारिक परदेसी व उनकी पत्नी ने राज्य की विभिन्न बोलियों में गीत पेश किए। मखमली आवाज के मालिक इन गायकों ने हिंदू, डोगरी, गोजरी, पहाड़ी, सुफियाना आदि गीत पेश किए और उनके गाए गीतों ने मेले के आयोजन में चार चांद लगा दिए। अकादमी की ओर से इस बार कार्यक्रम को देखने आए लोगों के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए और शाम को उनको भी अपना टेलेंट दिखाने का मौका दिया गया। लोगों ने भी इस मौके पर खूब लाभ उठाया और उनमें से कइयों ने गीत, संगीत व नृत्य तक में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। वहीं, अकादमी के अतिरिक्त सचिव डॉ. अरविंद्र सिंह अमन का कहना है कि ऐसे कार्यक्रमों से लोगों को अपनी राज्य की संस्कृति के बारे में जानकारी मिलती है और अकादमी ने लोक कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए इस मेले का आयोजन किया है। उन्होंने बताया कि लोगों ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना भरपूर सहयोग दिया है।