धारा-144 हटने के बाद शांंतिपूर्ण है घाटी, खुले सभी स्कूल, बकरीद मनाने की तैयारी जारी
नुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जुमे की नमाज के लिए मस्जिदों में उमड़े लोग कश्मीर में दुकानें खुलीं मस्जिदों में नमाज हुई लोग बकरीद मना सके इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है।
श्रीनगर, एएनआई। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू की सड़कों पर पांच दिन बाद शनिवार को रौनक देखने को मिल रही है। जम्मू में बकरीद मनाने की तैयारियां चल रही हैं ताकि जम्मू-कश्मीर के लोग सोमवार को शांतिपूर्ण माहौल में बकरीद का त्योहार मना सके। प्रशासन ने हालत सुधरते देख यहां से धारा-144 हटा ली है। जिसके बाद सड़कों पर आम दिनों की तरह हलचल देखी गई। बच्चे बसों से स्कूल जाते दिखे।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू शहर में बंद किए गए स्कूल, कॉलेज व अन्य शिक्षण शनिवार को पांच दिन बाद खुल गए। डिप्टी कमिश्नर जम्मू सुषमा चौहान ने शुक्रवार शाम को आदेश जारी कर जम्मू शहर में लगी धारा 144 को हटाने व स्कूल, कॉलेज खोलने की अनुमति दी। जम्मू सहित पूरे राज्य में रविवार देर रात से धारा 144 लगाई गई थी और सोमवार से स्कूल, कॉलेज व शिक्षण संस्थान बंद थे। जम्मू को छोड़ सांबा, कठुआ व ऊधमपुर जिले में सभी शिक्षण संस्थान शुक्रवार को ही खुल गए, जबकि जम्मू शहर में शनिवार से खुल जाएंगे। स्कूल, कॉलेज खोले जाने के आदेश के बाद हालांकि पंद्रह अगस्त के बाद ही कक्षाएं सुचारू होंगी। सोमवार व मंगलवार को ईद के चलते छुट्टी है और उसके बाद पंद्रह अगस्त और राखी का त्योहार है।
जानकारी हो कि जम्मू की सड़कों पर पांच दिन बाद शनिवार को रौनक देखने को मिल रही है। प्रशासन ने हालत सुधरते देख यहां से धारा-144 हटा ली है, जिसके बाद जम्मू की सड़कों पर आम दिनों की तरह हलचल देखी गई।बच्चे बसों से स्कूल जाते दिखे।सड़कों पर ट्रैफिक सामान्य था।
जम्मू में बकरीद मनाने की तैयारियां चल रही हैं ताकि जम्मू-कश्मीर के लोग सोमवार को शांतिपूर्ण माहौल में बकरीद का त्योहार मना सके, इसके लिए राज्य प्रशासन के साथ ही सुरक्षा एजेंसियों ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।जम्मू में आज दुकानें, बाजार और स्कूल कॉलेज खुले हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 10 जिलों में हालात सामान्य है। हालांकि, जम्मू क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं पर रोक अभी भी जारी रहेगी।
कश्मीर में दुकानें खुलीं, मस्जिदों में नमाज हुई
आम लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने की छूट दी जा रही है। अनुच्छेद 370 के खत्म किए जाने के बाद शुक्रवार को पहली जुमा की नमाज़ अदा की गई। श्रीनगर में नमाज़ अदा करने के लिए भारी संख्या में लोग मस्ज़िदों में पहुंचे। वादी में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रहा, हिंसा की छिटपुट घटनाओं के अलावा स्थिति शांत रही-वादी में सभी मस्जिदों और दरगाहों के आसपास विशेष प्रबंध किए गए थे।
जम्मू-कश्मीर की गलियों में अभी भी हजारों की संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती है। लेकिन इस बीच आम लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने की छूट दी जा रही है।
बकरीद मनाने के लिए राज्य में जरूरी इंतजाम
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि श्रीनगर के लोग बकरीद मना सके इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। उन्होंने कहा है कि बकरीद मनाने के लिए राज्य में जरूरी इंतजाम किए गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि अभी राज्य में दो महीनों का राशन है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी का भी पर्याप्त स्टॉक मौजूद है।
राजभवन के मुताबिक श्रीनगर में जरूरी सेवाओं जैसे, बिजली, पानी और सैनिटेशन की सप्लाई को बरकरार रखने के लिए 1600 लोगों को काम पर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में 10 हजार लोग काम के लिए दफ्तरों में आ रहे हैं। राज्यपाल के मुताबकि ज्यादातर एटीएम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिहाड़ी मजदूरों को अगस्त की सैलरी एडवांस में दी गई है।
श्रीनगर में अब हालात सामान्य होने लगे हैं, जिसका असर सड़कों पर दिख रहा है। कश्मीर घाटी में शुक्रवार को भी निषेधाज्ञा लागू रही, लेकिन पहले की तरह प्रभावी नहीं थी। कई जगह दुकानें खुलीं और खरीदार भी निकले। मस्जिदों में नमाज-ए-जुम्मा भी सामान्य रूप से संपन्न हुई। हालांकि जामिया मस्जिद में नमाज नहीं हुई। इस दौरान पूरी वादी में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रहा। कुछ स्थानों पर हिंसा की छिटपुट घटनाओं के अलावा स्थिति शांत रही। राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम ने नौहट्टा और उससे सटे इलाकों में श्रीनगर इलाकों के लोगों को नहीं जाने पर देने पर कहा कि वहां हिंसा की आशंका थी। इसलिए यह कदम उठाया गया। अन्य किसी जगह कोई पाबंदी नहीं थी। शुक्रवार को किसी भी जगह सुरक्षाबलों ने लोगों को घरों से निकलने पर नहीं रोका। सड़कों पर निजी वाहनों के अलावा कुछ सार्वजनिक वाहन भी नजर आए।
श्रीनगर शहर के सिविल लाइंस के अलावा शहर के बाहरी हिस्सों में भी कुछ दुकानें खुलीं। फुटपाथ पर सामान बेचने वाले भी नजर आए। रेहड़ी फड़ी वाले भी कई जगह निकले। बारामुला, कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां, बडगाम और गांदरबल में भी यही स्थिति रही। हालांकि प्रशासन को आशंका थी कि दोपहर को नमाज के दौरान हिंसा भड़क सकती है। इसलिए पूरी वादी में सभी मस्जिदों और दरगाहों के आसपास विशेष प्रबंध किए गए थे। लोगों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं थी, पुलिस ने दोपहर को एलान किया कि नमाज के लिए लोग आ सकते हैं, लेकिन हिंसा की आशंका के चलते लोग नहीं आए। पूरा दिन स्थिति लगभग सामान्य रही। नटीपोरा, बेमिना समेत श्रीनगर के कुछ हिस्सों के अलावा सोपोर में पथराव की घटनाएं हुई। शरारती तत्वों पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को बल प्रयोग भी करना पड़ा। सुरक्षाबलों ने जल्द ही स्थिति को सामान्य बना लिया।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने राज्य के विशेषाधिकार को समाप्त करने के बाद किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए गत रविवार से ही वादी में निषेधाज्ञा लागू कर रखी है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत कश्मीर केंद्रित विभिन्न राजनीतिक दलों और अलगाववादी संगठनों के करीब 680 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया जा चुका है।
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