Move to Jagran APP

Article 35A: Kashmir से अनुच्छेद 370 हटने से शुरू हुआ विकास का नया दौर : जम्वाल

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और राज्य पुनर्गठन के बाद यहां विकास का नया अध्याय शुरू हुआ है। इसके पहले जम्मू कश्मीर में कभी भागीदारी और समानता के मूल्यों पर शासन नहीं हुआ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 09:52 AM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 09:52 AM (IST)
Article 35A: Kashmir से अनुच्छेद 370 हटने से शुरू हुआ विकास का नया दौर : जम्वाल
Article 35A: Kashmir से अनुच्छेद 370 हटने से शुरू हुआ विकास का नया दौर : जम्वाल

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और राज्य पुनर्गठन के बाद यहां विकास का नया अध्याय शुरू हुआ है। इसके पहले जम्मू कश्मीर में कभी भागीदारी और समानता के मूल्यों पर शासन नहीं हुआ। जम्मू कश्मीर में राष्ट्रवादी विचारधारा वाले लोग हमेशा पिसते रहे हैं। यह बात जम्मू कश्मीर यूनिटी फाउंडेशन के प्रधान अजात जम्वाल ने कही है।

loksabha election banner

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उपेक्षित लोग विषय पर सेमिनार में जम्वाल ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना ऐतिहासिक फैसला था। पूर्व जम्मू कश्मीर में अलगाववाद और इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ावा मिलता रहा। जम्मू कश्मीर व लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद शांति व खुशहाली का अध्याय शुरू हो गया है। कैप्टन सिकंदर रिजवी ने कहा कि दो ऐतिहासिक त्रासदी हुई हैं। देश के विभाजन के समय वर्ष 1947 में ¨हदुओं और सिखों का नरसंहार हुआ था। उसके बाद 1990 में कश्मीर में ¨हदुओं का नरसंहार हुआ। राजनीतिक पार्टियों और सरकारों का इस पर नकारात्मक रवैया रहा। अब समय है कि सभी को एक जैसे अधिकार मिले। जम्मू कश्मीर एक्स सर्विसमैन लीग के प्रधान मेजर जनरल जीएस जम्वाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर राज्य की स्थापना करने वाले डोगरों से भेदभाव होता रहा है।

जम्मू कश्मीर के विकास में डोगरों का अहम योगदान रहा है। डोगरा शासकों ने भारत की आजादी में सहयोग दिया। लद्दाख के नेता लोबजैंग आंगचुक ने कहा कि 72 वर्षो से लद्दाख से भेदभाव होता रहा। कश्मीरी शासकों ने जम्मू व लद्दाख के लोगों को नजरअंदाज किया। रोजगार, विकास व पर्यटन के मामले में इन दोनों क्षेत्रों से भेदभाव होता रहा। लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की लंबित मांग पूरी हो गई है। पनुन कश्मीर के चेयरमैन डॉ. अजय चरंगु ने कहा कि कश्मीर में ¨हदुओं के जातीय नरसंहार को वापस लिया जाना चाहिए। जम्मू कश्मीर में जनगणना पारदर्शिता से होना चाहिए। इससे पहले वर्ष 2011 की जनगणना धोखा थी।

एडवोकेट मोनिका कोहली ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से सबको बराबर का हक मिल गया है। पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजी नेता लब्बाराम गांधी ने कहा कि नागरिकता के अभाव में पश्चिमी पाकिस्तान के रिफ्यूजी 70 वर्षो से पिसते रहे हैं। अब हमे इंसाफ मिल गया है। जम्मू कश्मीर की शांति, खुशहाली में हमारा योगदान अधिक होगा। सोहेल मलिक, अमित गुप्ता, गोपाल पार्थासारथी, डॉ. महेश कौल, शाहिद हुसैन, दलबीर ¨सह, प्राग अबरोल, इंजीनियर अश्विनी शर्मा, ओ¨पदर अम्बरदार, रमेश तामिरी व सुखदेव शर्मा ने भी संबोधित किया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.