सर्दियों में सीमा पर चुनौतियों का सामना करने को सेना मजबूत, उच्चतम पर्वतीय इलाकों में सेना की स्टाकिंग पूरी
दुर्गम क्षेत्रों में भारतीय सेना ने जरूरत की सामग्री का भंडार कर लिया है। हिमाचल प्रदेश को लद्दाख से जोड़ने वाला रोहतांग दर्रे से यातायात बंद होने के बाद वर्तमान में लद्दाख में सेना की अन्य जरूरतों को जोजि ला से पूरा किया जा रहा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर व लद्दाख के उच्चतम पर्वतीय इलाकों में जमी बर्फ के बीच सीमा पर कड़ी चुनौतियों का सामना कर भारतीय सेना मजबूती से खड़ी है। इन दुर्गम क्षेत्रों में भारतीय सेना ने जरूरत की सामग्री का भंडार कर लिया है। हिमाचल प्रदेश को लद्दाख से जोड़ने वाला रोहतांग दर्रे से यातायात बंद होने के बाद वर्तमान में लद्दाख में सेना की अन्य जरूरतों को जोजि ला से पूरा किया जा रहा है।
फिलहाल, सर्दी के छह महीनों के लिए सेना की जरूरत का राशन, पेट्रोल, केरोसीन तेल, गोला-बारूद, विशेष टेंट व कपड़े आदि स्टोर कर दिए गए हैं। सैन्य सूत्रों के अनुसार सेना ने दूरदराज इलाकों में भंडारण पूरा करने के लिए 15 नवंबर का लक्ष्य रखा था, लेकिन इसके पहले ही इस इस लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है।
उच्च पर्वतीय इलाकों की अग्रिम चौकियों के दुर्गम हालात में माेर्चा संभाल रहे सैनिक सर्तकता व निष्ठा से सुरक्षा चुनौतियों का सामना करेंगे। सेना द्वारा प्रभारी बनाई गई विंटर मैनेजमेंट रणनीति के तहत अत्याधिक ठंड में उनकी जरूरत का सारा सामान अग्रिम मोर्चांं पर उपलब्ध है। इनमें सर्दियों के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के लिए जीवन रक्षक दवाईयां भी शामिल हैं। गलवन से उपजे हालात में सेना अब अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों की संख्या में कोई कमी नही की जा रही है। वर्ष 1962 के बाद आमतौर पर सैनिक अग्रिम चौकियों से नीचे आ जाते थे।
इसी बीच इन सर्दियों में उच्चतम इलाकों में तैनात सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के अग्रिम इलाकों के दौरे जारी रहेंगे। यह रणनीति सेना की उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के नेतृत्व में गत दिनों हुई वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में बनी है। इन बैठक में सर्दियों के महीनों की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा करने के साथ आगे की रणनीति पर भी विचार हुआ था। सर्दियों के महीनों में दूरदराज इलाकों में अधिरिक्त नाके लगाने के साथ जवानाें की पेट्रोलिंग में भी तेजी लाई जा रही है।
सर्दियों के महीनों में कश्मीर पर नियंत्रण रेखा पर दुश्मन की किसी भी साजिश को नकारने में आधुनिक तकनीक काम आएगी। सीमा पर दुश्मन अंधेरे और घने कोहरे का फायदा उठाएगा तो अंधेरे में देखने में सक्षम आधुनिक नाइट विजन डिवाइस व हाई डेफिनेशन कैमरे से बच नहीं पाएगा। सेना के पास आधुनिक थर्मल इमेजर, हाई रेंज नाइट विजन और सेंसर है। इसके साथ लद्दाख में बेहतर सर्वेलांस के लिए सेना के बेड़े में नए आधुनिक उपकरण शामिल किए गए हैं।