Army in Kashmir: आफत बनी बर्फबारी, राहत दे रही सेना; सोपोर में गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचा बचाई दो जानें
बर्फ से सड़के बंद होने से उपजे हालात में जवानों ने मां बच्चे को घर पहुंचाने में भी मदद की। स्थानीय लोगों व नर्सिंग स्टाफ ने भी मदद की। इसके साथ जवानों ने क्षेत्र में दमे की बीमारी से पीड़ित एक महिला को भी अस्पताल पहुंचाकर मदद की।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: कश्मीर में लोगों के लिए आफत बनी भारी बर्फबारी में राहत देने के लिए सेना, सुरक्षाबलों की मुहिम जारी है।बर्फबारी प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद करने की मुहिम के तहत सेना ने सोपोर इलाके में बर्फ में साढ़े तीन किलोमीटर सफर कर पहले गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाया व प्रसव के बाद मां बच्चे को फिर से उनके घर तक पहुंचाकर दो जानें बचाई। कश्मीर में बर्फ में फंसे लोगों की जानें बचाने का सिलसिला गत वर्ष दिसंबर माह से जारी है। लोगों की मदद कर सेना दिल जीत रही है। इसके साथ आतंकवाद को समाप्त कर लोगों की मदद करने की मुहिम भी जारी है।
Majeed Ahmad’s wife Fareeda Begum had delivered a healthy baby. Home was 4 KM from hospital but all roads were blocked due to snow. They were desperate to get home. So, Majeed Ahmad called the Indian Army. These soldiers are from Kilo Force, Rashtriya Rifles. #SavioursOfKashmir pic.twitter.com/ctppvK1b6W
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) January 8, 2021
ऐसे हालात दक्षिण कश्मीर के सोपाेर में लोगों के मदद मांगने के बाद हरकत में आए सेना के जवानों ने क्षेत्र के पजलपोरा से गर्भवती महिला को दुनिवर स्थित अस्पताल तक पहुंचाने में मदद की। बर्फ से सड़के बंद होने से उपजे हालात में जवानों ने मां, बच्चे को घर पहुंचाने में भी मदद की। इस मुहिम के दौरान स्थानीय लोगों व नर्सिंग स्टाफ ने भी मदद की। इसके साथ जवानों ने क्षेत्र में दमे की बीमारी से पीड़ित एक महिला को भी अस्पताल पहुंचाकर मदद की। सेना ने यह कार्रवाई महिला के पति गुलाम मोहम्मद डार के मदद मांगने पर की।
इसी बीच सेना के साथ सुरक्षाबल व जम्मू कश्मीर पुलिस भी कीमती जाने बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। लोगों द्वारा ऐसी कोशिशों का दिल खोल कर स्वागत किया जा रहा है। गत दिनों बांडीपोरा में पुलिस ने एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचा कर जान बचाई तो कुलगाम में एक महिला को उसके नवजात शिशु के साथ अस्पताल पहुंचाकर अपने जिम्मेवारी का निर्वाह किया। ऐसी कोशिशों से मुश्किलों का सामना करने वाले लोगों की हिम्मत बढ़ रही है।