थल सेना ने स्थापना दिवस पर शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
संवाद सहयोगी सांबा/रामगढ़ सांबा में भारतीय थल सेना के 73वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का अ
संवाद सहयोगी, सांबा/रामगढ़ : सांबा में भारतीय थल सेना के 73वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सांबा में गुर्ज डिवीजन की ओर से मिशन फर्स्ट ब्रिगेड ने एक अर्ध मैराथन का आयोजन किया। इसमें सैनिकों ने उत्साहपूर्ण भागीदारी ली। सांबा में सेना दिवस पर मोटरसाइकिल रैली, कांबेट रन, सैन्य बैंड और उपकरण प्रदर्शन किया गया। सांबा सैन्य स्टेशन पर तैनात सैनिकों के परिवारों के लिए मार्शल आर्ट जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर सांबा के ब्रिगेड कमांडर एस के यादव, डी सी सांबा रोहित खजुरिया, एस एस पी राजेश शर्मा भी उपस्थित थे।
भारतीय थल सेना के 73वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार को इसी थल सेना के 73वें स्थापना दिवस पर सब सेक्टर के सीमांत गांव महालशाह सरकारी मिडिल स्कूल में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्थानीय सेना की सात जैकराइफल की तरफ से आयोजित स्थापना दिवस समारोह में पूर्व सैनिकों के अलावा क्षेत्र के युवाओं व स्कूली बच्चों ने भी शामिल होकर सेना के जज्बे को सलाम किया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि स्थानीय सात जैकराइफल कैप्टन एस. गायकवाड़ ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर रेजिमेंट के सूबेदार माजराम, सूबेदार दीपक राणा सहित थाना प्रभारी इंद्रपाल सिंह ने भी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि समारोह की रस्म पूरी होने के बाद स्थानीय सेना के बैंड दस्ते ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां भी पेश कीं। समारोह में उपस्थित हुए सैन्य अधिकारियों, पूर्व सैनिकों व गणमान्य सदस्यों को सैन्य बैंड दस्ते ने गाड ऑफ आनर का सम्मान भी दिया गया।
भारतीय सेना का दुनिया में कोई सानी नहीं: गायकवाड़
समारोह के मुख्यातिथि कैप्टन एस. गायकवाड ने अपने सैन्य सम्मान विचारों को प्रकट करते हुए कहा कि आज भारतीय सेना हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी के परचम फहरा चुकी है। चाहे भारत-पाक युद्ध 1965, 1971 की बात हो या वर्ष 1999 कारगिल युद्ध की। हमारे सैनिकों ने दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया और पाक के नापाक इरादों को विफल किया। भारतीय सेना आज ऐसे शिखर पर है, जिसका दुनिया में कोई सानी नहीं है। बच्चों ने देखी सेना के हथियारों की प्रदर्शनी
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : भारतीय थल सेना के 73वें स्थापना दिवस समारोह में शरीक हुए सीमांत गांवों के बच्चों में सैनिक बनकर देश की सेवा करने का जुनून साफ नजर आया। स्थापना दिवस पर महालशाह मिडिल स्कूल में सेना के अत्याधुनिक हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई थी, जिसे स्कूली बच्चों ने भी देखा। हथियार प्रदर्शनी में बच्चों को हथियार चलाने की तकनीक भी समझाई गई। बच्चों को एमएमजी व स्नाइपर गन के इस्तेमाल के बारे में भी बताया गया। स्थानीय गांव के बच्चे गोकुल शर्मा पुत्र सुनील कुमार ने एमएमजी के ट्रायल पर भी अपना हाथ आजमाया। साहिल, अनिल कुमार, विपिन कुमार, सतीश, संजू, नवीन कुमार आदि बच्चे उत्साह से भरे हुए थे। अन्य ने सैनिकों की देशभावना से भावुक होकर सच्चा सिपाही बनकर देश की आन के लिए अपने फर्ज को अंजाम देने का संकल्प लिया।