लद्दाख सीमां की सुरक्षा में तैनात टी-90 भीष्म टैंक की आर्मी कमांडर ने जांची मारक क्षमता, जानिए क्या है इसकी खासियत!
उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर के साथ आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने वित्त आयोग की टीम को जमीनी हालात का निरीक्षण करवाकर मौजूदा चुनौतियों और उनसे निपटने के बारे में बताया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। लद्दाख के उच्च पर्वतीय क्षेत्र में सेना को युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार करने की मुहिम जारी है। उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में सेना के एकीकृत युद्धाभ्यास में शामिल हुए। पूर्वी लद्दाख में चीन से सटे भारतीय क्षेत्रों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए भारतीय सेना के बेड़े में आधुनिक उपकरणों को शामिल किया जा रहा है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आर्मी कमांडर ने सेना की सभी अंगों के युद्धाभ्यास का हिस्सा बनकर ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया। आर्मी कमांडर ने आधुनिक टी-90 भीष्म टैंक की सवारी कर इसकी मारक क्षमता का जायजा लिया। यह टैंक रात के समय भी सटीक गोलाबारी करने की क्षमता रखता है। इसके अलावा रूस में बने टैंकों को भी भारतीय सेना के बेड़े में शामिल करने की प्रक्रिया जारी है। लद्दाख में पाकिस्तान और चीन के सामने खड़ी सेना को मजबूत करना समय की मांग है।
ऐसे में मोदी सरकार भावी चुनौतियों को देखते हुए लद्दाख में सेना की मारक क्षमता को कई गुणा बढ़ाने की मुहिम पर है। 15वीं वित्त आयोग की टीम ने भी लद्दाख का दौरा कर सेना के बुनियादी ढांचे और साजोसामान की जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड की जरूरत पर गौर किया है। उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर के साथ आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने वित्त आयोग की टीम को जमीनी हालात का निरीक्षण करवाकर मौजूदा चुनौतियों और उनसे निपटने के बारे में बताया।
तमाम देश देख चुके हैं टी-90 भीष्म टैंक का जलवा
मजेदार बात यह है कि चीन टी-90 भीष्म टैंक की परफॉर्मेंस से भलीभांति परिचित है। इंटरनेशनल आर्मी गेम्स 2017 के दौरान टी-90 भीष्म टैंक का जलवा चीन, रूस सहित दुनिया के तमाम देश देख चुके हैं। ओलिंपिक की तर्ज पर रूस में चल रहे इंटरनेशनल आर्मी गेम्स में भारत के टी-90 भीष्म टैंक ने हवा में उड़कर ब्रिज की लेयर को बिना टच किए पार किया था। वहीं चीन का टैंक इस प्रतियोगिता में लड़खड़ा गया और उसके पहिये समेत टैंक के कई हिस्से अलग-अलग हो गए थे। गर्व की बात यह थी कि प्रतियोगिता में शामिल 19 देशों की आर्मी में भारत का भीषम टैंक ही ऐसा था, जिसने यह टास्क पूरा किया।
टी-90 भीष्म टैंक की यह है खासितय
इस टैंक में 125 मिमी स्मूथबोर गन लगी हुई है जो इसे ताकतवर बनाती है। भीष्म टैंक एंटी टैंक मिसाइल भी छोड़ने में सक्षम है। यह टैंक 100 मीटर से लेकर 4 किलोमीटर की दूरी तक विरोधी टैंक को निशाना बना सकता है। हेलीकॉप्टर नष्ट करने में सक्षम यह टैंक हवाई हमले एकदम सटीक करता है। दुश्मनों के हेलीकॉप्टर नष्ट करने में सक्षम है। इस टैंक पर खास तरह के विस्फोटक प्लेट लगाये गए है जो भी बम या मिसाइल इस टैंक की प्लेट से टकराता है तो उस बम या मिसाइल की ताकत खत्म हो जाती है। जिससे अंदर बैठे जवान सुरक्षित रहते है।