कश्मीर में जैश का हुआ सफाया; अब 125 आतंकी ही रहे, वे भी जल्द मारे जाएंगे या फिर पकड़े जाएंगे
वादी में सक्रिय आतंकियों पर आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि 125 आतंकी रहे हैं। यह भी जल्द मारे जाएंगे या फिर पकड़े जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जैश-ए-मोहम्मद का कश्मीर में नेटवर्क तैयार करने का मंसूबा त्राल में उसके तीन आतंकियों के मारे जाने से नाकाम हो गया। कारी यासिर, मूसा और बुरहान जैश के इन आतंकियों को मारना बड़ी कामयाबी है। यह बात सेना की चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने और आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने पत्रकारवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में जैश के नेतृत्व को लगभग समाप्त कर दिया था। कारी यासिर का गुट किसी तरह बचा था जो अपना नेटवर्क भी बढ़ाने की कोशिश में था। खैर, आज हम कह सकते हैं कि जैश का सफाया हो गया है। उन्होंने कहा कि हिजबुल मुजाहिद्दीन सहित आतंकियों के सभी बड़े कमांडर चाहे स्थानीय हो या फिर पाकिस्तानी मारे जा चुके हैं। अल-बदर और लश्कर-ए-तैयबा भी कश्मीर में लगभग समाप्त हो चुके हैं।
अभी भी 125 आतंकी सक्रिय : घुसपैठ संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना हमेशा ही आतंकियों को जम्मू कश्मीर में धकेलने का प्रयास करती है, लेकिन एलओसी पर तैनात हमारे जवान उसे मुंहतोड़ जवाब देते हैं। जवाबी कार्रवाई में न सिर्फ पाक आतंकियों बल्कि पाकिस्तानी सेना को भी भारी नुकसान पहुंचा है। बीते वर्ष 27 दिसंबर को पाक डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ से संपर्क बनाकर, शांति के लिए आग्रह किया था। हमने आग्रह मान लिया, लेकिन पाकिस्तान नहीं सुधरा। वह आज भी आतंकियों की घुसपैठ करा रहा है। आज भी एलओसी पर लांचिंग पैड हैं। वादी में सक्रिय आतंकियों पर आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि 125 आतंकी रहे हैं। यह भी जल्द मारे जाएंगे या फिर पकड़े जाएंगे।
हिजबुल और लश्कर के सात ओजीडब्ल्यू दबोचे, बड़ी वारदात करने के फिराक में थे
उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा में गणतंत्र दिवस पर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने का मौका तलाश रहे हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-ताईबा के सात ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्लयू) को सुरक्षाबलों ने पकड़ लिया। इनमें पास से हथियारों का बड़ा जखीरा मिला है। सातों से पूछताछ जारी है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बीते कुछ दिनों से विभिन्न माध्यमों से सूचना आ रही थी कि गणतंत्र दिवस पर बांडीपोरा में आतंकी संगठन कोई बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसके बाद आतंकियों के नेटवर्क का पता लगाने के लिए मुखबिरों का जाल बिछाया गया। इस दौरान कुछ अहम सु़राग लगे और फिर पुलिस ने सेना की 13 आरआर व सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर छापेमारी शुरू की। हाजिन, बांडीपोरा, सुंबल और सदरकोट बाला में आतंकियों के ठिकानों पर दबिश देते हुए सात ओवरग्राउंड वर्करों को पकड़ लिया गया। पकड़े गए ओवरग्राउंड वर्करों में मोहम्मद अमीर बट, समीर अहमद नजार, आशिक अहमद गनई, वसीम अहमद खान, इरशाद अहमद शेख, हिलाल अहमद वानी और अल्ताफ अहमद डार हैं। इनके पास से दो पिस्तौल, चार यूबीजीएल लांचर, छह यूबीजीएल ग्रेनेड, 11 एके मैगजीन, एके-47 राइफल के 853 कारतूस, दो पिस्तौल, एक रिवाल्वर, चार आरपीजी राउंड, एक केनवुड रेडियो सेट, दो मोटरोला वायरलेस सेट और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं।