Amshipora Encounter: सेना ने माना, अमशीपोरा मुठभेड़ में मारे गए तीनों कथित आतंकी राजौरी के लापता श्रमिक थे
मारे गए आतंकियों की तस्वीरें उनके लापता परिजनों इम्तियाज अहमद अबरार अहमद और माेहम्मद इबरार की थी जो रोजी-रोटी कमाने के लिए कश्मीर गए थे।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। दक्षिण कश्मीर के अमशीपोरा शोपियां मुठभेड़ को लेकर जारी विवाद पर पूर्ण विराम लगाते हुए सेना ने शुक्रवार को मान लिया कि मारे गए तीनों कथित आतंकी, राजौरी के लापता श्रमिक ही थे। अमशीपोरा अभियान में शामिल सैन्याधिकारियों व कर्मियों ने अफस्पा के तहत प्राप्त अधिकारों का दुरुपयोग करने के अलावा सेना प्रमुख द्वारा जारी व सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशावली का उल्लंघन हुआ है।
आपको जानकारी हो कि 18 जुलाई को शोपियां जिले के अमशीपोरा में सेना के जवानों ने एक मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराने का दावा किया था। इस मुठभेड़ के फर्जी होने को लेकर पहले दिन से ही विभिन्न लोगों द्वारा आशंका व्यक्त की जा रही थी। मारे गए आतंकियों की सेना ने पहचान न होने का दावा करते हुए उन्हें उत्तरी कश्मीर में दफनाया था। इसके कुछ ही दिनों बाद सोशल मीडिया पर मारे गए आतंकियों की तस्वीरें वायरल हुई ताे राजौरी के तीन परिवारों का माथा ठनक गया। मारे गए आतंकियों की तस्वीरें उनके लापता परिजनों इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और माेहम्मद इबरार की थी, जो रोजी-रोटी कमाने के लिए कश्मीर गए थे। उन्होंने 10 अगस्त को उनके लापता होने की रपट दर्ज करायी थी।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस मामले का नोटिस लेते हुए अमशीपोरा मुठभेड़ की जांच शुरु कर दी। एक विशेष जांच दल भी बनाया गया। सच्चाई का पता लगाने के लिए एक पुलिस डीएसपी श्रीनगर से राजौरी पहुंचा। उसने सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए लापता श्रमिकों के परिजनों के डीएनए के नमूने लेने के अलावा उनके बयान भी दर्ज किए। सेना ने भी हालात को भांपते हुए काेर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरु कर दी। अमशीपोरा मुठभेड़ में शामिल सैन्याधिकारियों, जवानों से भी पूछताछ की गई। इसके साथ ही मुठभेड़ स्थल के आस-पास रहने वाले लोगों से भी सेना ने अपने स्तर पर संपर्क किया।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने आज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की पुष्टि करते हुए बताया अमशीपोरा शोपियां मुठभेड़ की जांच में प्रथम दृष्टय: इस बात का संकेत मिला है कि मारे गए अज्ञात आतंकी राजौरी के तीन लापता श्रमिक इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद अौर मोहम्मद इबरार हैं। जांच पूरी हो चुकी है। जांच में पता चला है कि अमशीपोरा अभियान में अफास्पा के तहत प्राप्त अधिकारों का दुरुपयोग किया गया है। इस अभियान में शामिल अधिकारियों ने किसी भी सैन्य अभियान के लिए सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित सेना प्रमुख की निर्देशावाली का भी उल्लंघन किया है। दोषी सैन्याधिकारियाें व कर्मियों के खिलाफ सैन्य अधिनियम के तहत कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया गया है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है। मारे गए श्रमिकों के परिजनों के डीएनए की रिपोर्ट का इंतजार है। जम्मू-कश्मीर पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि राजौरी के जो तीनों लापता नागरिक मारे गए हैं, उनका आतंकियों से साथ संबंध तो नहीं था। प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले काे लेकर जो भी नए तथ्य सामने आएंगे और दोषियों के खिलाफ जो भी कार्रवाई होगी, उसे समय-समय पर सार्वजनिक किया जाएगा। सेना किसी भी स्तर पर इस मामले की सच्चाई को नहीं छिपाएगी। दोषियों को कानून के मुताबिक दंड दिया जाएगा।