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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के मार्तंड सूर्य मंदिर में पूजा करने पर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने लिया कड़ा संज्ञान

पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार संरक्षित परिसर में पूजा के लिए पहले से कोई अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी। हमने इस विषय को जिला प्रशासन के साथ उठाया है। जिला प्रशासन को सूचित किया है कि यह नियमों के विरुद्ध है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 10 May 2022 07:43 AM (IST)Updated: Tue, 10 May 2022 07:43 AM (IST)
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के मार्तंड सूर्य मंदिर में पूजा करने पर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने लिया कड़ा संज्ञान
पुरातत्व विभाग के मुताबिक, सूर्य मंदिर में दशकों से पूजा नहीं हुई है।

नई दिल्ली, प्रेट्र : दक्षिण कश्मीर के मट्टन (अनंतनाग) स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर में नियमों का उल्लंघन कर हवन व पूजा अर्चना करने पर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कड़ा नोटिस लिया। उन्होंने प्रदेश प्रशासन के साथ इस मामले को उठाया है। विभाग ने जिला प्रशासन अनंतनाग को नोटिस भी भेजा है। आपको बता दें कि सोमवार को मार्तंड मंदिर में हुए नवग्रह अष्टमंगलम हवन व पूजा में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भाग लिया था। अन्य राज्यों से भी संत महात्मा आए थे।

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मार्तंड सूर्य मंदिर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने संरक्षित ऐतिहासिक स्थल घोषित किया है। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार, संरक्षित परिसर में पूजा के लिए पहले से कोई अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी। हमने इस विषय को जिला प्रशासन के साथ उठाया है। जिला प्रशासन को सूचित किया है कि यह नियमों के विरुद्ध है। बेशक उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंदिर के भीतर नहीं बल्कि बाहर पूजा की है, फिर भी नियमों का उल्लंघन है।

प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल व अवशेष अधिनियम के तहत किसी भी संरक्षित स्मारक स्थल पर केंद्र सरकार की लिखित अनुमति बिना कोई बैठक, दावत या सम्मेलन का आयोजन नहीं हो सकता। यह नियम संबंधित स्थल पर होने वाले नियमित व मान्यताप्राप्त धार्मिक अनुष्ठानों पर लागू नहीं होता। नियमों के मुताबिक, अगर पुरातत्व विभाग द्वारा किसी स्थान अथवा परिसर को अपनी सुपुर्दगी में लिए जाने के समय वहां कोई धार्मिक अनुष्ठान, पूजा या अन्य कोई समारोह करता है तो वह पुरातत्व विभाग द्वारा संबंधित स्थान को अधिकार में लिए जाने के बाद भी जारी रहेगा।

मार्तंड सूर्य मंदिर ऐसा स्थल नहीं है। पुरातत्व विभाग के मुताबिक, सूर्य मंदिर में दशकों से पूजा नहीं हुई है। तमिलनाडु व अन्य स्थानों के पुजारियों ने हमारे अधिकारियों को मंदिर परिसर में पूजा के लिए मजबूर किया है। अब प्रदेश प्रशासन से पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने नोटिस भेज नियमों का पालन न करने की वजह पूछी है।


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