Statehood For Jammu : अंकुर शर्मा ने कहा-अलग जम्मू राज्य ही है एकमात्र हल
जम्मू-कश्मीर से अलग होगा तभी जम्मू की भौगोलिक परिस्थितियों को बदलने के साजिशाना कदमों को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत जम्मू में मुस्लिमों को बसाया जा रहा है।अगर जम्मू को अलग नहीं किया गया तो एक दिन आएगा जब जम्मू के लोग विद्रोह पर उतरेंगे।
जम्मू, जागरण संवाददाता : इक्कजुट जम्मू के प्रधान अंकुर शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के हालात सुधारने व इसे देश की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से समाप्त किए गए अनुच्छेद 370 व 35 ए समाप्त किए जाने के प्रयोग को विफल करार देते हुए कहा है कि 370 हटने के बाद भी जम्मू के साथ इंसाफ नहीं हुआ और जम्मू आज भी कश्मीर के दबदबे में भेदभाव का शिकार हो रहा है। अंकुर शर्मा ने जम्मू के साथ इंसाफ के लिए अलग जम्मू राज्य को एकमात्र हल करार देते हुए कहा है कि जब तक जम्मू को अलग राज्य का दर्जा नहीं मिलता, जम्मू के लोग तब तक भेदभाव से मुक्त नहीं होंगे।
एडवोकेट अंकुर शर्मा ने सोमवार को अपने गांधी नगर कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू के साथ इंसाफ करने के लिए केंद्र सरकार के पास जम्मू को अलग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जम्मू के लोगों को अपने भविष्य का फैसला करने का अधिकार मिलना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर से अलग होगा, तभी जम्मू की भौगोलिक परिस्थितियों को बदलने के साजिशाना कदमों को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत जम्मू में मुस्लिमों को बसाया जा रहा है। अंकुर शर्मा ने कहा कि अगर जम्मू को अलग नहीं किया गया तो एक दिन आएगा, जब जम्मू के लोग विद्रोह पर उतर आएंगे। तब केंद्र सरकार के लिए स्थिति संभालना मुश्किल हो जाएगा।
अंकुर शर्मा ने कहा कि अगर केंद्र सरकार को जम्मू में राष्ट्रवादी ताकतों को मजबूत करना है तो उसे जम्मू को अलग करना ही पड़ेगा। ऐसा न होने की सूरत में कश्मीर के बाद जम्मू से भी हिन्दुओं, सिखों व अन्य समुदायों का पलायन शुरू होगा और राष्ट्र विरोधी ताकतों जम्मू को भी कश्मीर की कालोनी बनाने में सफल हो जाएगी। लिहाजा सरकार जल्द से जल्द इस पर गंभीर हो और जम्मू को अलग राज्य का दर्जा दे।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान अश्विनी शर्मा, हरीश कपूर, विक्रम शर्मा, राजेंद्र शर्मा, अजय सिंह, मुकेश गुप्ता, विरेंद्र अबरोल व मानिक जम्वाल भी मौजूद रहे।