अमित शाह बनाएंगे जम्मू-कश्मीर में भाजपा की चुनावी रणनीति, राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी
प्रधानमंत्री के दौरे के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू कश्मीर में अपनी सियासी गतिविधियों को तेज कर दिया है। बुधवार से राज्य में रथयात्रा निकालने की तैयारी है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री के दौरे के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू कश्मीर में अपनी सियासी गतिविधियों को तेज कर दिया है। बुधवार से राज्य में रथयात्रा निकालने की तैयारी है। इसके अलावा विभिन्न प्रकोष्ठो को भी दुरुस्त किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के दौरे के बाद सबकी नजर 24 फरवरी से अमित शाह के दो दिवसीय दौरे पर हैं। लक्ष्य है कि जम्मू व लद्दाख के अलावा कश्मीर में पार्टी की दमदार उपस्थिति साबित की जाए। इसी के तहत प्रदेश की सभी छह संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है।
अमित शाह के दौरे के दौरान संसदीय सीटों के उम्मीदवारों के नाम भी फाइनल हो जाएंगे। सूत्रों के अनुसार पार्टी की कोशिश है कि समय रहते उम्मीदवार तय हाे जाएं ताकि उन्हें अपने अपने इलाकों में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रयाप्त समय मिल सके।
इसके साथ ही चुनाव पूर्व किसी भी दल से गठबंधन की संभावना पर फिलहाल चर्चा नहीं हो रही। पार्टी राज्य में अकेले दम पर चुनाव लड़कर आधार मजबूत करना चाहती है। विधानसभा चुनाव के लिए भी अकेले ही 44 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा गया है। कुछ रुठे चेहरों को फिर से साथ लाने की कवायद भी तेज कर दी गई है।
इसीलिए जम्मू दौरे के दौरान अमित शाह बूथ स्तर पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं के पन्ना प्रमुख सम्मेलन काे संबोधित करेंगे और संगठन को धार देंगे। साथ ही लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने के लिए प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से बैठक भी करेंगे। इस बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री राम लाल, राष्ट्रीय महासचिव राम माधव व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राज्य प्रभारी अविनाश राय खन्ना, प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना, कश्मीर व लद्दाख के कई वरिष्ठ नेता भी हिस्सा लेंगे। इस बैठक में सबसे राय लेकर पार्टी उम्मीदवारों के नामों को लेकर सहमति बनाई जाएगी। अलबत्ता संसदीय सीटों के उम्मीदवारों के नामों का औपचारिक फैसला भाजपा का संसदीय बोर्ड करता है।
राज्य में निकाय, पंचायत चुनाव में जम्मू के साथ कश्मीर में मजबूत होने के बाद भाजपा अपने आधार को मजबूत करने में निरंतर जुटी हुई है। हाल ही में राज्य दौरे पर आए राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने स्पष्ट किया था जम्मू के साथ कश्मीर संभाग की संसदीय सीटों से भी उम्मीदवार उतारने पर विचार हो रहा है। भाजपा ने जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने के लिए सज्जाद लोन की पीपुल्स कांफ्रेंस के साथ गठजोड़ किया था। अब पीडीपी के कई पूर्व विधायकों के पीपुल्स कांफ्रेंस में आने के बाद यह पार्टी मजबूत बन रही है। ऐसे में चर्चाएं थी कि भाजपा लोकसभा व विधानसभा चुनाव में पीपुल्स कांफ्रेंस से गठजोड़ कर सकती है। फिलहाल पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मसले पर मौन है। बल्कि विधानसभा चुनाव के बाद अकेले दम पर सत्ता में आने के दावे निरंतर जारी है। साथ ही सभी छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के दावे भी संगठन से जुड़े वरिष्ठ नेता कर रहे हैं।
भाजपा जम्मू संभाग की दो संसदीय सीटें जीतने को लेकर आश्वस्त है लेकिन लद्दाख के सांसद थुप्स्तन छिवांग के इस्तीफा देने के बाद क्षेत्र की संसदीय सीट जीतना सिरदर्द बन गया है। ऐसे में शाह के दौरे से पहले भाजपा थुप्स्तन छिवांग को मनाने के लिए पूरी कोशिश करेगी। इसके लिए कुछ नेताओं की जिम्मेवारी भी लगाई जा रही है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जुगल किशोर शर्मा व डा जितेन्द्र सिंह जम्मू संभाग की दो सीटों से चुनाव जीते थे। वहीं थुप्स्तन छिवांग लद्दाख से जीतकर आए थे। वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए चौधरी लाल सिंह ने भी अपने डोगरा स्वाभिमान संगठन को राजनीतिक पार्टी बनाकर संसदीय चुनाव में उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है। ऐसे में शाह जम्मू दौरे के दौरान लाल सिंह को मनाने की कोशिश भी कर सकते हैं।
फिलहाल अलग चुनाव लड़ने का दावा कर रहे लाल सिंह
डोगरा स्वाभिमान संगठन के लाल सिंह खासकर कठुआ व ऊधमपुर क्षेत्र में पार्टी की चिंता बढ़ाने के मूड में हैं। कठुआ दुष्कर्म विवाद के बाद मंत्री पद छोड़ने के बाद उन्होंने डोगरा स्वाभिमान संगठन खड़ा किया था। उस समय कठुआ मामले में उन्होंने प्रदेश सरकार पर खुलकर हमला बोला था। अब वह जम्मू व ऊधमपुर सीट से अपने प्रत्याशी उतारने के दावे कर रहे हैं। ऐसा हुआ तो भाजपा की चुनौती बढ़ सकती है। वह दो बार ऊधमपुर सीट से सांसद भी रह चुके हैं। फिलहाल केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह वहां से सांसद हैं। हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि लाल सिंह पार्टी से जुड़े रहेंगे और उनकी नाराजगी काे दूर कर लिया जाएगा।
ऐसे हालात में सोमवार को जम्मू में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने स्पष्ट किया था कि चौधरी लाल सिंह अभी भाजपा में भी है। ऐसे में यह कोशिश भी हो रही है कि अमित शाह की 24 फरवरी को जम्मू में चौधरी लाल सिंह से फिर बैठक करवाई जाए।