अमरनाथ यात्रा बहाल, 4411 श्रद्धालु रवाना
बुरहान वानी की बरसी पर कश्मीर में किसी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए जम्मू से जत्थे को रवाना नहीं किया गया था।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। अमरनाथ यात्रा एक दिन स्थगित रहने के बाद रविवार को फिर से बहाल हो गई। आधार शिविर यात्री निवास भगवती नगर से 4411 श्रद्धालुओं का जत्था पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना किया गया। जत्थे में 3316 पुरुष, 763 महिलाएं और 332 साधु शामिल थे, जो 43 हल्के वाहनों और 97 बसों में सवार होकर यात्रा पर गए।
बुरहान वानी की बरसी पर कश्मीर में किसी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए जम्मू से जत्थे को रवाना नहीं किया गया था। हालांकि बालटाल व पहलगाम से श्रद्धालु दर्शनों के लिए रवाना हुए थे। भले ही कश्मीर में हालात खराब हैं, लेकिन श्रद्धालुओं में भारी उत्साह बना हुआ है। यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की ही नहीं, बल्कि साधुओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। श्रद्धालुओं की संख्या 1.35 लाख पार कर गई है। अगले दो दिन में श्रद्धालुओं की संख्या डेढ़ लाख से अधिक हो जाएगी। अमरनाथ की वार्षिक यात्रा 29 जून से शुरू हुई थी और 40 दिन की यात्रा सात अगस्त को रक्षा बंधन के दिन संपन्न होगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
सरकार हर स्तर पर एहतियात बरत रही है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग व पहलगाम मार्ग से आगे यात्रा मार्ग पर हजारों सुरक्षाबल तैनात हैं।
बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा का शुभारंभ आषाढ़ पूर्णिमा की पावन सुबह रविवार को पहलगाम में लिद्दर किनारे स्थित पौराणिक शिवमंदिर में हर-हर महादेव के जयघोष और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पवित्र छड़ी मुबारक द्वारा भूमि पूजन, नवग्रह पूजन व ध्वजारोहण का अनुष्ठान संपन्न होने के साथ ही भगवान अमरेश्वर की गुफा की तीर्थयात्रा का धार्मिक मान्यताओं केअनुसार शुभारंभ हुआ।
इस बीच दशनामी अखाड़ा के महंत व पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरी ने सभी से बाबा अमरनाथ की तीर्थयात्रा के राजनीतिकरण से परहेज का आग्रह करते हुए कहा कि कश्मीरी अवाम को समझना चाहिए कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का एक ही लक्ष्य भगवान अमरनाथ के दर्शन होता है।
सुबह ग्रीष्मकालीन राजधानी स्थित श्री दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरी के नेतृत्व में भगवान शंकर की पवित्र छड़ी मुबारक कड़ी सुरक्षा में भूमि पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण के लिए पहलगाम रवाना हुई। इसके साथ ही धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक श्री अमरनाथ की गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू होती है। आषाढ़ पूर्णिमा से श्रावण पूर्णिमा तक ही बाबा बर्फानी के दर्शन का महात्म्य है।
उन्होंने कहा कि छड़ी मुबारक जब भगवान शिव की पूजा के लिए पवित्र गुफा में प्रवेश करेगी, उस समय हम पूरे देश में शांति, सौहार्द व सुख समृद्धि की कामना भी करेंगे। पवित्र गुफा के लिए रवाना होने से पूर्व छड़ी मुबारक 23 जुलाई को गोपाद्री पर्वत पर स्थित शंकराचार्य मंदिर में महादेव की पूजा के लिए जाएगी। 24 जुलाई को श्रीनगर की आराध्य देवी मां शारिक भवानी की पूजा अर्चना के लिए डाउन-टाउन स्थित हारिपर्वत जाएगी।