इन महत्वपूूर्ण कारणों से कम हो सकती है अमरनाथ यात्रा अवधि
अमरनाथ यात्रा में एक महीने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आने के कारण अब कुछ संगठन यात्रा की अवधि को कम करने की मांग करने लगे हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। अमरनाथ यात्रा में एक महीने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आने के कारण अब कुछ संगठन यात्रा की अवधि को कम करने की मांग करने लगे हैं।
1282 बाबा अमरनाथ श्रद्धालुओं का जत्था पहलगाम और बालटाल रवाना हुआ
बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर कमी का सिलसिला जारी है। यात्रा ढ़ाई लाख का आंकड़ा पार करने के करीब पहुंच गई है। यात्रा के आधार शिविर यात्री निवास भगवती नगर जम्मू से मंगलवार सुबह कुल 1282 श्रद्धालुओ का जत्था पहलगाम और बालटाल के लिए रवाना हुआ।
रवाना हुए जत्थे में 922 पुरुष, 266 महिलाएं और 94 साधु शामिल थे। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह बना हुआ है। इस समय अधिकतर श्रद्धालु यात्रा के आधार शिविर जम्मू के भगवती नगर में पहुंचे बिना सीधे ही पहलगाम और बालटाल पहुंच कर यात्रा कर रहे है।
जम्मू से रवाना होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या औसतन 1500 से भी कम हो गई है। वहीं तीन हजार के करीब श्रद्धालु सीधे ही पहुंच रहे है। यात्रा 28 जून से शुरु हुई थी जो 26 अगस्त को रक्षा बंधन वाले दिन संपन्न होगी।
सोमवार को अमरनाथ श्राइन बोर्ड की राज्यपाल एनएन वोहरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यात्रा अवधि सहित श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं पर मंथन हुआ।
इसमें श्री अमरनाथ जी बर्फानी लंगर संस्था के सदस्य ने कहा कि पांच वर्ष के तीर्थ यात्रा आंकड़ों से साफ है कि पहले एक महीने में 90 फीसद से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। इस आधार पर यात्रा की अवधि 30 दिनों तक सीमित होनी चाहिए। इस पर बोर्ड ने कहा कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे को चर्चा के लिए लोगों के बीच रखा जाना चाहिए। उन्हीं के सुझावों के आधार पर यात्रा अवधि तय होगी। बोर्ड को तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ावा देने और इन्हें बेहतर बनाने के लिए उठाए कदमों के बारे में जानकारी दी।
बालटाल से दोमेल तक ट्रैक को अपग्रेड करना, नीलग्राथ से बालटाल सड़क को अपग्रेड करना, बालटाल (6.6 किलोमीटर) तथा चंदनवाड़ी (4.75 किलोमीटर) मार्ग पर रेिलिंग लगाना, मार्गों के साथ विश्राम स्थलों का विकास शामिल हैं। बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) उमंग नरूला ने बताया कि लोक निर्माण विभाग तथा पहलगाम विकास प्राद्यिकरण बालटाल और पहलगाम मार्गों का रखरखाव कर रहे हैं।
सभी संवेदनशील स्थानों पर मार्गो की चौड़ाई तथा रेलिंल बनाने के लिए ध्यान दे रहे हैं। सीईओ ने बोर्ड को सूचित किया कि पर्यावरण के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों को अपनाने के लिए नुनवान आधार शिविर में मौजूदा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के स्तर को 300 केएलडी क्षमता के साथ बढ़ाया गया है। नष्ट न होने वाले कचरे के निपटारे के लिए विभिन्न स्थलों पर 18 बायो-कूड़ादान लगाए हैं।
प्रदूषण को रोकने के लिए निचली पवित्र गुफा में प्रत्येक 1000 लीटर की क्षमता वाले पांच प्लास्टिक सेप्टिक टैंक पायलट आधार पर हैं। जिला प्रशासन गांदरबल के माध्यम से सोनमर्ग तथा बालटाल में दो रिवर्स वैं¨डग मशीनें स्थापित की हैं। सीईओ ने बताया कि इस वर्ष बोर्ड ने यात्रा क्षेत्र में 2749 शौचालय, 515 स्नानघर और 98 वाटलकैचर स्थापित किए हैं।
कई राज्यों के डॉक्टर दे रहे हैं सेवाएंइस वर्ष बिहार, दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश की राज्य सरकार तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण केन्द्रीय मंत्रालय ने विभिन्न शिविरों में यात्रा के लिए चिकित्सा प्रबंधों की सहायता के लिए एम्स, सीजीएचएस, डॉ. आरएमएल अस्पताल, जेआईपीएमईआर, एलएचएमसी जैसी प्रमुख संस्थानों से बड़ी संख्या में डाक्टरों को नियुक्त किया है। सीईओ ने बताया कि उपलब्ध डाक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे यात्रियों की मार्गों पर सहायता करेंगे।
वायु सेना ने की सहायता
सीईओ ने बोर्ड को बताया कि राज्यपाल के निर्देशों पर भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने 567 यात्रियों, जो रेल पत्थरी में बारिश और पहाड़ गिरने की वजह से पंजतरनी में फसे हुए थे, को निकाला है। यात्रियों की नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए जेएंडके बैंक ने पंजतरणी में एक माइक्रो एटीएम संचालित किया है। बालटाल तथा नुनवान यात्रा आधार शिविरों में एटीएम पहले से ही स्थापित हैं।
समय-समय पर दी रही जानकारी
सीईओ ने बताया कि यात्रियों को यात्रा से संबधित महत्वपूर्ण जानकारी दूरदर्शन, एफएम चैनलों, ऑल इंडिया रेडियो तथा प्रेस सूचना ब्यूरो, श्राईन बोर्ड द्वारा तैयार किए गए वीडियो स्पॉट तथा आडियो स्पॉट के माध्यम से दी जा रही है। सभी पंजीकृत यात्रियों को एसएमएस सेवा के माध्यम से स्वास्थ्य सलाह, मौसम पूर्वानुमान तथा यात्रा से संबधित अन्य सलाहों के बारे में सूचित किया जा रहा है। आज तक हिन्दी सहित लगभग 7.50 लाख एसएमएस संदेश एनआइसी की एसएमएस सुविधा के माध्यम से पंजीकृत यात्रियों को भेजे गए हैं।