Amarnath Yatra 2022 : दोपहर बाद श्रद्धालु और पर्यटक नहीं जा सकते कश्मीर, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जारी की विशेष हिदायत
Amarnath Yatra 2022 प्रशासन ने तय किया है कि जम्मू से श्रीनगर के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों के वाहनों को दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद रामबन से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। तीर्थयात्री हो या पर्यटक सभी को तय समय के भीतर हाईवे पर यात्रा की अनुमति होगी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के लिए इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए विशेष हिदायतें जारी की गई हैं। बिना पंजीकरण यात्रा करने पर श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा कारणों से दोपहर बाद किसी पंजीकृत-गैर पंजीकृत श्रद्धालु या पर्यटक को जम्मू संभाग के रामबन के पास रोक लिया जाएगा। उन्हें अगली सुबह सुरक्षा दस्ते के साथ जाने की अनुमति मिलेगी।
दर्शन के लिए देश-विदेश से प्रदेश में पहुंच रहे कई श्रद्धालुओं को कश्मीर जाने की अनुमति नहीं मिल रही। किसी को जम्मू के नगरोटा में तो कोई रामबन में रोक लिया जा रहा। ऊधर कश्मीर में कोई पहलगाम में फंसा है तो कई गांदरबल में। कारण इनमें से कोई भी पंजीकृत नहीं है। कश्मीर में सुधरते हालात से हताश आतंकी संगठनों ने श्रद्धालुओं को निशाना बनाने की धमकी दी है।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में घूमने आए कई पर्यटक भी यात्रा में शामिल होना चाहते हैं। कई अन्य श्रद्धालु सड़क और हवाई जहाज के रास्ते कश्मीर पहुंच रहे हैं। ये सभी बिना पंजीकरण के होते हैं। पंजीकरण श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए जरूरी है। इसलिए अब तत्काल पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की है। श्रीनगर में टूरिस्ट रिस्पेशन सेंटर (टीआरसी) के अलावा पहलगाम और सोनमर्ग में भी तत्काल पंजीकरण केंद्र बनाए गए हैं।
जम्मू में पुरानी मंडी, गीता भवन, वैष्णवी धाम रेलवे स्टेशन, महाजन हाल में सुविधा है। तत्काल पंजीकरण के लिए श्रद्धालुओं के पास स्वास्थ्य प्रमाणपत्र होना जरूरी है। उनके पास आधार कार्ड होना चाहिए। स्वास्थ्य प्रमाणपत्र वे जम्मू, पहलगाम, सोनमर्ग, श्रीनगर के अस्पतालों में प्राधिकृत स्वास्थ्य अधिकारियों से प्राप्त कर सकते हैं। तत्काल पंजीकरण में पवित्र गुफा के लिए यात्रा करने की तिथि का स्पष्ट उल्लेख होगा। उसके मुताबिक ही श्रद्धालु यात्रा शिविर से यात्रा शुरू कर पाएंगे।
नियमों का उल्लंघन नहीं करें : बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिश्वर कुमार के मुताबिक किसी को नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। यह तीर्थयात्रा है,इसलिए इसकी मर्यादा और पवित्रता बनाए रखने के लिए सभी श्रद्धालुओं को नियमों का पालन करना चाहिए।
दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद आगे नहीं जा सकते : प्रशासन ने तय किया है कि जम्मू से श्रीनगर के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों के वाहनों को दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद रामबन से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। तीर्थयात्री हो या पर्यटक, सभी को तय समय के भीतर हाईवे पर यात्रा की अनुमति होगी। दोपहर बाद साढ़े तीन बजे के बाद अगर श्रद्धालु रामबन से आगे बनिहाल में होंगे तो उन्हें वहीं निकटवर्ती यात्रा शिविर में ठहरना पड़ेगा और जो रामबन में होंगे उन्हें रामबन या फिर चंद्रकोट में ठहरना पड़ेगा। सिर्फ ट्रक और स्थानीय यात्रियों के वाहन दोपहर बाद रामबन से आगे जा सकेंगे। घाटी में बालटाल, सोनमर्ग, पहलगाम की तरफ से भी श्रद्धालुओं व पर्यटकों के वाहनों को श्रीनगर या जम्मू के लिए शाम को नहीं छोड़ा जाएगा। श्रद्धालुओं के वाहनों को तय समय के भीतर सुरक्षादस्ते की निगरानी में मंजिल की तरफ जाने दिया जाएगा।
काफिले में गति भी तय की : हाईवे पर श्रद्धालुओं के वाहनों के काफिले की सुरक्षा को भी सुनिश्चित बनाने के लिए उनकी गति तय की है। श्रद्धालुओं के वाहनों के काफिले में शामिल बसों और छोटे वाहनों को कतार न तोडऩे की हिदायत दी गई है। काफिले में सबसे आगे दो बसें एक दूसरे के समानांतर चलेंगी जिनकी अधिकतम गति सीमा 60 किलोमीटर होगी। काफिले के अंत में भी दो बसें होंगी जो समानांतर चलेंगी ताकि पीछे से अन्य वाहन काफिले में दाखिल न हो और आगे दो बसों के समानांतर चलने से काफिले का कोई छोटा या बड़ा वाहन ओवरटेक कर आगे नहीं बढ़ पाएगा।