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जम्मू-कश्मीर में चुनी जाने वाली निर्वाचित सरकार ही लोगों की आकांक्षाओं के खिलाफ लिए गए निर्णय पर फैसला लेगी

Assembly Poll In Jammu Kashmir अपनी पार्टी अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा कि वह अभी इस बारे में कुछ नहीं कर सकते। परंतु उन्होंने यह बात अवश्य कही कि यह प्रशासन का जन आकांक्षाओं के खिलाफ लिया गया अंतिम फैसला हो सकता है।

By rahul sharmaEdited By: Rahul SharmaPublished: Thu, 10 Nov 2022 02:03 PM (IST)Updated: Thu, 10 Nov 2022 02:12 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में चुनी जाने वाली निर्वाचित सरकार ही लोगों की आकांक्षाओं के खिलाफ लिए गए निर्णय पर फैसला लेगी
जब जम्मू-कश्मीर में चुनी हुई सरकार आएगी, वह लोगों के हितों के खिलाफ लिए गए फैसलों को प्राथमिकता से लेगी।

श्रीनगर, जेएनएन : अपनी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सैयद अल्ताफ बुखारी ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं के खिलाफ लिए गए सभी फैसलों को जम्मू-कश्मीर में चुनी हुई सरकार के गठन के बाद देखा जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल एक नई चुनी हुई सरकार बनेगी और ऐसे सभी फैसलों को प्राथमिकता के आधार पर देखा जाएगा, जो लोगों के हित में नहीं है।

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आज यहां पत्रकारों से बात करते हुए बुखारी ने कहा कि इस समय प्रशासन के किसी फैसले के खिलाफ बात करना व्यर्थ है। दरअसल पत्रकारों ने बुखारी से उन कर्मचारियों के बारे में सवाल पूछा जिन्हें दरबार मूव के तहत जम्मू में स्थानांतिरत करने के लिए कहा गया है। अपनी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि वह अभी इस बारे में कुछ नहीं कर सकते। परंतु उन्होंने यह बात अवश्य कही कि यह प्रशासन का जन आकांक्षाओं के खिलाफ लिया गया अंतिम फैसला हो सकता है।

इससे उनका यही मतलब था कि जिस दिन जम्मू कश्मीर में चुनी हुई सरकार आएगी, वह लोगों के हितों के खिलाफ लिए गए फैसलों को प्राथमिकता से लेगी। यही नहीं उन फैसलों को हटाने के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि अगले साल एक नई चुनी हुई सरकार बनेगी और ऐसे सभी फैसलों को प्राथमिकता के आधार पर देखा जाएगा।"

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने तक अपने बेटे उमर अब्दुल्ला के विधानसभा चुनाव में शामिल न होने की बात कही थी, कहा कि यह अच्छा और सराहनीय है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान खुद के काम को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि उमर और महबूबा ने अपनी राजनीतिक पारी खेली है, उन्होंने सरकार में रहकर भी प्रदेश के लोगों को कोई राहत नहीं दी है। ऐसे में अगर उन्होंने चुनाव में न उतरने का फैसला लिया है तो यह काबिले तारीफ है।

आपको बता दें कि इससे पूर्व बांडीपोर के हाजिन क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष इम्तियाज अहमद पारे, हाजिन (सी) से डीडीसी सदस्य फरजील अहमद डार, नायदखाई से बीडीसी गुलाम नबी गनी अपने कई कार्यकर्ताओं के साथ आज अपनी पार्टी में शामिल हुए।


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