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जम्मू वाइन ट्रेडर्स एसोसिएशन का आरोप, नई आबकारी नीति से जम्मू-कश्मीर में पैदा हुआ शराब माफिया

जम्मू वाइन ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सरकार पर नई आबकारी नीति के तहत जम्मू-कश्मीर में शराब माफिया खड़ा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार कहती थी कि वह प्रदेश के शराब माफिया को खत्म करने के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया लेकर आई है

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 08:55 PM (IST)
जम्मू वाइन ट्रेडर्स एसोसिएशन का आरोप, नई आबकारी नीति से जम्मू-कश्मीर में पैदा हुआ शराब माफिया
पहले जम्मू-कश्मीर में 200 से अधिक लोगों के पास शराब के लाइसेंस थे।

जम्मू, जागरण संवाददाता । जम्मू वाइन ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सरकार पर नई आबकारी नीति के तहत जम्मू-कश्मीर में शराब माफिया खड़ा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार कहती थी कि वह प्रदेश के शराब माफिया को खत्म करने के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया लेकर आई है लेकिन इस प्रक्रिया से तो प्रदेश में वास्तविकता में शराब माफिया पैदा हो गया।

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एसोसिएशन ने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर में 200 से अधिक लोगों के पास शराब के लाइसेंस थे। अधिकांश लोगों के पास एक ही लाइसेंस था लेकिन अब सिर्फ पांच लोगों ने यह सभी लाइसेंस हासिल किए।एसोसिएशन के प्रवक्ता स. चरणजीत सिंह व दिग्विजय सिंह ने बुधवार को एक पत्रकार वार्ता में कहा कि नई आबकारी नीति के तहत उत्तर प्रदेश के चड्ढा ग्रुप समेत मात्र पांच लोगों ने सभी लाइसेंस हासिल किए है।

उन्होंने कहा कि पहले 200 स. अधिक लोगों की इस कारोबार स. रोजी-रोटी चलती थी। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले स. सैकड़ों लोग बेरोजगार हुए है। शराब की दुकानों के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए चरणजीत सिंह ने कहा कि पहले आबकारी कानून के तहत दुकानदार को जब लाइसेंस मिलता था तो उसे दुकान के आसपास के लोगों स. एनओसी लेनी होती थी लेकिन नई आबकारी नीति के तहत इस अहम नियम का उल्लंघन कर दुकानें खोलने की अनुमति दी गई। क्षेत्रीय लोगों स. एनओसी नहीं ली गई और यहीं कारण है कि लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

चरणजीत सिंह ने नई आबकारी नीति खारिज कर पुराने लाइसेंस बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार की नई नीति पूरी तरह स. फेल हो चुकी है और इसे खारिज करते हुए पुरानी व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। 


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