तीनों कृषि कानून रद करवाने की मांग पर दिया धरना
संवाद सहयोगी मीरां साहिब पिछले दो माह से कृषि कानूनों को रद करने और न्यूनतम समर्थन म
संवाद सहयोगी, मीरां साहिब : पिछले दो माह से कृषि कानूनों को रद करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनों बनाने समेत अन्य मांगों को लेकर दिल्ली बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार को मीरां साहिब के रानी बाग में किसानों ने धरना दिया। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से मांग की कि वह जल्द किसानों की दो मुख्य मांगों को पूरा करे।
प्रदर्शन में शामिल आल जम्मू-कश्मीर सिख यूनिटी फोरम के राज्य महासचिव सरदार बलबीर सिंह अज्जी, सरपंच अवतार सिंह खालसा, डीडीसी सदस्य सरदार तरनजीत सिंह टोनी आदि ने कहा कि कड़ाके की ठंड में दो माह से खुले आसमान के नीचे आंदोलन कर रहे किसानों की मांगें मोदी सरकार के कान तक नहीं पहुंच रही है। इस बीच अब तक सौ से ज्यादा किसानों की वहां मौत भी हो चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक इस पर एक लब्ज नहीं बोला। टोनी ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे ज्यादा असंवेदनशील सरकार है, जिसने बिना विपक्ष और देश के किसानों से राय मशविरा किए अध्यादेश से तीनों कृषि कानून लाई और अब जब उसका विरोध हो रहा है, तो वह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। 'तीनों कृषि कानूनों को रद करवाकर ही मानेगा देश का किसान'
सरदार बलबीर सिंह अज्जी का कहना था कि मोदी सरकार ने इस कानून को लागू करने में संविधान की धज्जियां उड़ा दीं। यह कानून अलोकतांत्रिक ढंग से पास हुआ। ऐसे में उसे संसद का विशेष सत्र बुलाकर इस कानून को वापस लेना ही होगा। अज्जी ने कहा कि सरकार कहती है कि किसान तीनों कानूनों को समझ नहीं रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि वह जो कानून लाई है, वह अदाणी और अंबानी का बनाया हुआ है और सरकार को यह समझ ही नहीं आ रहा है कि यह कितना किसान विरोधी है। ऐसी सरकार जनता के ऊपर बोझ है। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद करवाकर ही मानेगा। 'सरकार ने बातचीत बंद की, अब जम्मू कश्मीर में भी तेज होगा आंदोलन'
सरपंच अवतार सिंह खालसा ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों से यह साफ हो गया है कि केंद्र की भाजपा सरकार कितनी किसान विरोधी है। इन कानूनों के लागू होने से किसान तो पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे, जबकि अडानी, अंबानी जैसे पूंजीपति मालामाल होंगे। बातचीत के बहाने सरकार ने किसानों को काफी समय तक उलझाकर रखा, लेकिन अब उसने साफ कर दिया है कि वह इन कानूनों को वापस नहीं लेगी। ऐसे में अब किसान भी अपने आंदोलन को तेज करने पर मजबूर हैं। उन्होने कहा कि जम्मू कश्मीर में भी किसान आंदोलन को अब तेज किया जाएगा। उन्होंने लोगों से दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल होने की अपील की।